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Dussehra Neelkanth Darshan: दशहरे के दिन आपको यदि यह दुर्लभ पक्षी दिख जाए! समझ लीजिए चमकने वाली है किस्मत

Dussehra Neelkanth Darshan: दशहरे के दिन आपको यदि यह दुर्लभ पक्षी दिख जाए! समझ लीजिए चमकने वाली है किस्मत
दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन शुभ, फोटो साभार सोशल मीडिया

हिन्दू धर्म में पशु-पक्षी के दर्शन से जुड़ी खास मान्यताएं हैं. कहते हैं कि एक पक्षी जिसका कंठ नीला होता है,यदि उसके दर्शन विजयादशमी (दशहरा) के दिन कहीं पर भी हो जाएं तो साल भर धन-धान्य और शुभ समाचार मिलते रहते हैं. इस पक्षी को नीलकंठ कहते है. नीलकंठ शिव जी का ही स्वरूप माना जाता है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जब रावण युद्ध होने जा रहा था, तब प्रभू को नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे. जिसके बाद भगवान ने रावण का अंत कर असत्य पर सत्य की जीत का उद्घोष किया.


हाईलाइट्स

  • पूरे देश में आज विजयदशमी की मची धूम, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व
  • विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन बेहद होता है शुभ, साल भर मिलते है शुभ समाचार
  • बहुत ही दर्शन होते हैं दुर्लभ, दर्शन हो जाएं तो चमक जाएगी किस्मत

If you see Neelkanth bird on the day : हमारे हिन्दू धर्म की मान्यताओं में बहुत से ऐसे पर्व हैं जिनका अपना अलग ही महत्व और इनसे कई प्रकार की मान्यताएं भी जुड़ी हुई है. दशहरा जिसे सभी विजयदशमी बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ मनाते आ रहे हैं. ऐसे में इस दिन एक पक्षी के दर्शन बेहद शुभ माने गए हैं. हालांकि इस पक्षी के दर्शन वैसे तो बड़े ही दुर्लभ हैं. चलिए जानेंगे कि आखिर वह पक्षी कौन सा है जिसके दर्शन शुभ संकेत देता है.

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन देता है शुभ संकेत

दशहरा का पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है. यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि के 9 दिन पूर्ण होने के बाद दशमी तिथि जिसे विजयादशमी कहा जाता है. यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. इस उत्साह भरे पर्व को लेकर कई मान्यताएं भी जुड़ी हुई हैं, जिनमें से एक दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन होना. यदि किसी को भी इस खास दिन में नीलकंठ पक्षी के दर्शन होते हैं तो समझ लीजिए कि आपके बुरे दिनों का अंत हो गया. हालांकि इनके दर्शन बेहद दुर्लभ होते है, जिसे होते है वे अपने आपको सौभाग्यशाली समझते है.

कैसा दिखता है नीलकंठ पक्षी, शिवजी का स्वरूप माना जाता है

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नीलकंठ पक्षी को वैसे तो शिव जी का ही स्वरूप व भगवान शिव के समान बताया गया है. भगवान शिव ने जब समुद्र मंथन के दौरान विष पिया था उनका कंठ नीला पड़ गया था. इसी तरह इस दुर्लभ पक्षी नीलकंठ का भी कंठ नीला ही है. घर से आप निकल रहे हो या छत पर हो अगर आपको दशहरा के दिन यह नीलकंठ पक्षी दिख जाए, समझ लीजिए आपकी किस्मत चमकने वाली है. यानि आपके अच्छे दिन शुरू होने वाले है. इस पक्षी के दर्शन वैसे तो बेहद दुर्लभ हैं. यदि दर्शन हो जाए तो लोग अपने आपको किस्मती समझते हैं.

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कई मान्यताएं हुई हैं जुड़ीं

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पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक प्रभू श्री राम जब रावण से युद्ध करने जा रहे थे तभी श्रीराम चन्द्र जी को इस दुर्लभ पक्षी नीलकंठ के दर्शन हुए थे और प्रभू ने रावण का अंत कर अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य की जीत का पताका फहराया. एक और महत्व भी दर्शाया गया है, जब प्रभू के हाथों रावण का वध हुआ तो उन्हें ब्रह्महत्या का दोष लगा. इस दोष से मुक्ति के लिए प्रभू ने अनुज लक्ष्मण के साथ भगवान शिव की आराधना की, तब शिव जी नीलकंठ पक्षी रूप में प्रकट हुए और उन्हें दर्शन दिए.जिसके बाद उनका ब्रह्म हत्या का दोष मुक्त हुआ.

नीलकंठ दिखने पर ये संकेत

विजयदशमी के दिन लकड़ी की डाल या अन्य जगह नीलकंठ पक्षी बैठा दिखाई दे तो यह शुभकारी है. इससे धन योग बनने की संभावना रहती है. अविवाहित महिला हो या पुरुष यदि इस दिन इन्हें नीलकंठ के दर्शन हो जाए तो समझ लें विवाह  में आ रही समस्याओं का अंत हो जाता है. किसी पुरुष को दशहरा के दिन नीलकंठ दिखे तो समझिए कि आपके हर बिगड़े कामों से मुक्ति और सभी काम सही से बनने लगेंगे, किसी महिला को अगर दशहरे के दिन नीलकंठ के दर्शन हो जाए और यदि नीलकंठ आपके दाहिनी ओर उड़ता हुआ दिख जाए तो इससे विवाह योग बनते हैं.  

नीलकंठ पक्षी दिखे तो इस मंत्र का करें जाप

दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी दिख जाएं तो आप ‘कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्। शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।। नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद। पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।‘ 

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