Brahaman Voter In UP:ब्राह्मण वोटरों के लिए इस बार क्यों परेशान हैं सभी राजनीतिक दल

इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव में जिस वर्ग की चर्चा सबसे ज़्यादा हो रही है वह वर्ग है ब्राह्मण.पिछले चुनावों के तुलना में इस बार सभी प्रमुख दल ब्राह्मण वोटरों को अपने पाले में लाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं.यह वर्ग इस चुनाव में क्यों इतना महत्वपूर्ण हो चला है.पढ़ें यह रिपोर्ट. UP chunav 2022 Brahaman voter up me kitne pratishat hai

Brahaman Voter In UP:ब्राह्मण वोटरों के लिए इस बार क्यों परेशान हैं सभी राजनीतिक दल
Brahaman Voter In UP:ब्राह्मण वोटरों के लिए इस बार क्यों परेशान हैं सभी राजनीतिक दल

UP Me Brahaman Voter:यूपी औऱ बिहार का चुनावी जोड़ गणित हमेसा से जातिवाद पर टिका रहा है.भारतीय राजनीति में मोदी युग (2014 के बाद) की शुरुआत होने के बाद भले ही इसका असर कुछ कम हुआ हो.औऱ चुनाव अल्पसंख्यक बनाम बहुसंख्यक हो गए हों.लेकिन जातिवाद का असर एकदम से खत्म हो गया है यह बात कहना बेमानी होगी. Up Election 2022

इस बार का यूपी विधानसभा चुनाव बीजेपी भले ही राष्ट्रवाद औऱ हिंदुत्व के मुद्दे पर ही लड़ने जा रही है.लेकिन जानकार बताते हैं कि कई वर्ग ऐसे हैं जो इस बार बीजेपी से नाराज हो चले हैं. खासकर यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार से कई वर्गों में नाराजगी हैं.योगी भले ही सन्यासी बिरादरी के हैं लेकिन सन्यास से पूर्व उनकी जाति ठाकुर है औऱ विपक्षी दल लगातार योगी आदित्यनाथ सरकार को ठाकुरवादी सरकार होने का आरोप लगाते रहे हैं. Brahaman Voter In UP

जमीनी स्तर पर भी इन आरोपों का व्यापक असर है. खासकर ब्राह्मण औऱ ओबीसी समाज में इसको लेकर नाराजगी है.जहाँ तक ब्राह्मणों का सवाल है तो इस बार के चुनाव में सपा, बसपा, कांग्रेस ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए जोर लगाए हुए हैं. वहीं बीजेपी ब्राह्मणों की नाराजगी दूर करने के लिए विभिन्न तरीक़े के कार्य्रक्रमों को चला रही है. UP Me Brahman Voter Percentage

यूपी में क्यों महत्वपूर्ण हैं ब्राम्हण..

यूपी में ब्राह्मण वोटरों की संख्या क़रीब 10 प्रतिशत है.यदि इस आंकड़े को देखे तो यह संख्या बहुत कम लगती है लेकिन राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि यह वर्ग अपने वोट प्रतिशत से कई गुना ज़्यादा वोटरों को इधर से उधर करने में माहिर होता है.किसी भी पार्टी की हवा बनाने में इस वर्ग का बड़ा रोल होता है.औऱ यदि यह वर्ग विरोध में उतर जाए तो किसी भी पार्टी की हवा ख़राब करने का माद्दा रखता है. Up Me Brahaman Voter Kitne Hai

ऐसे में इस वर्ग को अपने पाले में करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए काफ़ी फायेदमंद साबित होता है. यूपी में बीजेपी से ब्राह्मण नाराज है ऐसी चर्चा पिछले दो सालों से काफ़ी ज़्यादा है. बीजेपी से ब्राह्मणों की इसी नाराजगी का फायदा दूसरे दल उठाना चाह रहे हैं. UP Election 2022 Latest News

यदि ज़िलेवार ब्राह्मण वोटरों की बात करें तो सूबे की करीब पांच दर्जन से ज्यादा सीटों पर ब्राह्मण वोटर निर्णायक भूमिका अदा करते हैं.एक दर्जन जिलों में इनकी आबादी 20 फीसदी से ज्यादा है. वाराणसी, चंदौली, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, भदोही, जौनपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, अमेठी, बलरामपुर, कानपुर, प्रयागराज में ब्राह्मण मतदाता 15 फीसदी से ज्यादा है.यहां पर ब्राह्मण वोटर्स किसी भी उम्मीदवार की हार या जीत में अहम रोल अदा करते हैं. UP Me Brahmin Voter Kitne Percent Hai

कांग्रेस ने दिए सबसे ज़्यादा ब्राह्मण मुख्यमंत्री..

यूपी के इतिहास की बात करें तो कांग्रेस से ही ब्राह्मण मुख्यमंत्री हुए हैं.आजादी के बाद से 1989 तक यूपी की सियासत में ब्राह्मण समाज का वर्चस्व कायम रहा. गोविंद बल्लभ पंत से नारायण दत्त तिवारी तक कुल आठ बार ब्राह्मण मुख्यमंत्री बने.लेकिन मंडल कमीशन के बाद बदले सियासी समीकरण में ब्राह्मणों के हाथ से सत्ता खिसकी तो फिर आजतक नहीं मिली.ऐसे में यूपी का ब्राह्मण समाज पिछले तीन दशक से महज एक वोटबैंक की तरह बनकर रह गया है,जिन्हें अपने पाले में लाने के लिए सभी दल मशक्कत कर रहे हैं. Brahmin CM In Up

ब्राह्मण जिधर गया उधर ही सरकार बनी..

ब्राह्मण जिधर गया उधर ही सरकार बनी यह कहने में भले ही थोड़ा अजीब या यूं कहें अतिशयोक्ति लग रहा हो लेकिन सच यही है आंकड़े इसकी गवाही देते हैं.1989 तक ब्राह्मण कांग्रेस का मजबूत वोटबैंक था.लेकिन अयोध्या राम मंदिर आंदोलन फ़िर भाजपा में अटल युग की शुरुआत से ब्राह्मण पूरी तरह से बीजेपी के साथ हो चला.लेकिन 2000 के बाद धीरे धीरे ब्राह्मण बीजेपी से भी खिसकने लगा.मायावती ने 2007 में सूबे की सियासी नब्ज़ पकड़ ली और ब्राह्मण कार्ड खेला. ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी बढ़ता जाएगा का नारा देकर सत्ता के शिखर पर पहुँचीं.Brahaman voter in up

लेकिन पाँच साल बाद ब्राह्मणों का बसपा से भी मोहभंग हो गया.औऱ यह वर्ग 2012 के चुनाव में सपा के साथ हो चला.जिसके बाद यूपी में अखिलेश यादव सत्ता में आए.लेकिन 2014 में मोदी युग की शुरुआत के साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे पर ब्राह्मण एक बार फ़िर पूरी तरह से बीजेपी के साथ चला गया. UP Me Brahaman Voter

योगी से नाराजगी..

2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद दो साल तक तो ठीक रहा लेकिन ब्राह्मणों को अब ऐसा लगने लगा है कि यह सरकार ठाकुरवादी है.विकास दुबे औऱ उसके साथियों के हुए एनकाउंटर के बाद इस मुद्दे को विपक्षियों ने औऱ हवा दे दी.यह प्रचार किया जाने लगा कि यूपी में जो भी क्षत्रिय बिरादरी के अपराधी हैं उनको सरकार संरक्षण दे रही है. जबकि दूसरी ओर ब्राह्मण समाज के बाहुबलियों का एनकाउंटर कराया जा रहा है या उन्हें जेल भेजा जा रहा है. up chunav 2022 Brahman voter

बीजेपी मनाने में जुटी..

योगी आदित्यनाथ पर ठाकुरवाद की राजनीति के आरोप के बीच बीजेपी को लगने लगा है कि यूपी में ब्राह्मण वर्ग की नाराजगी सूबे में सत्ता की वापसी में सबसे बड़ी बाधा न बन जाए. इसीलिए माधव प्रसाद त्रिपाठी से लेकर श्रीपति मिश्र तक के नाम ले ले कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राह्मणों को साधते नजर आए हैं.वहीं, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व भी यूपी के ब्राह्मण नेताओं को साथ लेकर दिल्ली में रणनीति बनाने लगा है. UP Brahaman voter 

चुनाव से पहले ब्राह्मण वोटों की नाराजगी दूर करने के लिए बीजेपी शीर्ष नेतृत्व एक्टिव हो गया है.केंद्रीय मंत्री और यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के बाद यूपी ब्राह्मण नेताओं की बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई है.बीजेपी ने बैठक में सूबे के ब्राह्मण नेताओं से फीडबैक लिया और ब्राह्मण वोटों को साधने के लिए एक कमेटी बनाई है.बीजेपी सरकार में ब्राह्मण वर्ग के लिए किए गए कामों को लोगों को तक पहुंचाने का प्लान बनाया गया है.  UP Brahaman voter percentage

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