Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

अध्यात्म:राम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी..देखने मात्र से ही बनते हैं बिगड़े काम.!

अध्यात्म:राम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी..देखने मात्र से ही बनते हैं बिगड़े काम.!

विजय दशमी को विजय का पर्व माना जाता है कहा जाता है कि इसदिन इस एक विशेष पक्षी के दर्शन करने के बाद ही श्रीराम ने रावण को परास्त किया था।..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट...

अध्यात्म:विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इस पक्षी के दर्शन करना चाहता है।

मान्यता है कि इस दिन इसके दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत्‌ होते रहते हैं। सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है।

यह भी पढ़े:कात्यायनी माता के रूप में आज भक्तों को दर्शन देंगी माँ दुर्गा..इस मंत्र का जप करना होगा लाभकारी.!

नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। विजय दशमी का पर्व जीत का पर्व है।

Read More: 7 सितंबर से पितृपक्ष 2025: भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण, सूतक से पहले क्यों जरूरी है श्राद्ध?

 विजय दशमी में बन रहा है शुभ योग...

Read More: Navratri Paran Kab Hai 2025: शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है? जानिए पंडित जी ने क्यों बताया ये शुभ मुहूर्त

इस बार विजय दशमी का श्रवण नक्षत्र में होना अति शुभकारक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा के दिन ही भगवान राम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी।

Read More: Dhanteras Me Kya Kharide: धनतेरस में क्या खरीदना होता है शुभ? जानिए शुभ मुहूर्त, धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा से मिलने वाले लाभ

आचार्य गोविंद शास्त्री के अनुसार आश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि में अपराजिता देवी तथा शमी वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।

त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने भी अपराजिता देवी एवं शमी वृक्ष की पूजा की थी और नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे जिसके चलते रावण के ऊपर विजय प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि इस बार दशहरा के दिन पंचक नहीं है।

धर्म सिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार विजय दशमी पर श्रवण नक्षत्र का होना श्रेष्ठ माना गया है। श्रवण नक्षत्र राष्ट्र के लिए शुभ होता है।  बताया जाता है कि द्वापर युग में अर्जुन ने भी शमी वृक्ष की पूजा की थी और अपने हथियार शमी वृक्ष के पास रखकर तपस्या करने के लिए चले गए। इसके बाद उन्होंने महाभारत के युद्ध में विजय श्री प्राप्त की।

Tags:

Latest News

Fatehpur News: रिटायर्ड SI के खाते से ऐसे उड़ गए 5 लाख ! वाराणसी से पकड़े गए साइबर ठग Fatehpur News: रिटायर्ड SI के खाते से ऐसे उड़ गए 5 लाख ! वाराणसी से पकड़े गए साइबर ठग
फतेहपुर के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर नवाब आलम के बैंक खातों से फर्जी लिंक के जरिए 5 लाख रुपये गायब हो...
Fatehpur News: सरकारी लाभ पाने के लिए 308 शादीशुदा जोड़ों ने कर दिया आवेदन ! ऐसे खुली पोल तो मचा हड़कंप
साध्वी निरंजन ज्योति को लेकर क्यों गरमाई सियासत ! क्या सजेगा प्रदेश का ताज, नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई चर्चा
आज का राशिफल 05 दिसंबर 2025: किस्मत किस होगी मेहरबान और किसे रहना होगा सावधान, पढ़ें सभी 12 राशियों का राशिफल
कौन हैं 19 साल के महेश रेखे जिन्होंने 200 साल बाद पूरा किया दुर्लभ अखंड दण्डकर्म पारायणम् ! मोदी-योगी ने की तारीफ
Uttar Pradesh: कौन पाएगा पेंशन किसे नहीं मिलेगी ! योगी सरकार ने बनाया कड़ा कानून, शीतकालीन सत्र में पेश होगा बिल
आज का राशिफल 03 दिसंबर 2025: मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन का कैसा रहेगा आज दिन

Follow Us