अध्यात्म:राम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी..देखने मात्र से ही बनते हैं बिगड़े काम.!
- By युगान्तर प्रवाह संवाददाता
- Published 08 Oct 2019 12:00 AM
- Updated 26 Mar 2023 02:15 PM
विजय दशमी को विजय का पर्व माना जाता है कहा जाता है कि इसदिन इस एक विशेष पक्षी के दर्शन करने के बाद ही श्रीराम ने रावण को परास्त किया था।..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट...
अध्यात्म:विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इस पक्षी के दर्शन करना चाहता है।
मान्यता है कि इस दिन इसके दर्शन होने से घर के धन-धान्य में वृद्धि होती है, और फलदायी एवं शुभ कार्य घर में अनवरत् होते रहते हैं। सुबह से लेकर शाम तक किसी वक्त नीलकंठ दिख जाए तो वह देखने वाले के लिए शुभ होता है।
नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है ऐसा कहा जाता है कि श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी। विजय दशमी का पर्व जीत का पर्व है।
विजय दशमी में बन रहा है शुभ योग...
इस बार विजय दशमी का श्रवण नक्षत्र में होना अति शुभकारक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दशहरा के दिन ही भगवान राम ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त की थी।
आचार्य गोविंद शास्त्री के अनुसार आश्विन मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि में अपराजिता देवी तथा शमी वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है।
त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने भी अपराजिता देवी एवं शमी वृक्ष की पूजा की थी और नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे जिसके चलते रावण के ऊपर विजय प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि इस बार दशहरा के दिन पंचक नहीं है।
धर्म सिंधु आदि ग्रंथों के अनुसार विजय दशमी पर श्रवण नक्षत्र का होना श्रेष्ठ माना गया है। श्रवण नक्षत्र राष्ट्र के लिए शुभ होता है। बताया जाता है कि द्वापर युग में अर्जुन ने भी शमी वृक्ष की पूजा की थी और अपने हथियार शमी वृक्ष के पास रखकर तपस्या करने के लिए चले गए। इसके बाद उन्होंने महाभारत के युद्ध में विजय श्री प्राप्त की।