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Hartalika Teej 2020:सुहागन और कुंवारी लड़कियां रखती हैं व्रत..जानें तिथि,शुभ मुहूर्त और पूजा विधि..!

हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के साथ साथ कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं..क्या है पूजाविधि और शुभ मुहूर्त जानें युगान्तर प्रवाह की इस रिपोर्ट में..

Hartalika Teej 2020:सुहागन और कुंवारी लड़कियां रखती हैं व्रत..जानें तिथि,शुभ मुहूर्त और पूजा विधि..!
Hartalika teej 2020 सांकेतिक फ़ोटो।साभार-गूगल
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डेस्क:सदा सुहागन रहने के लिए भगवान शिव और पार्वती की पूजा कर महिलाएं हरितालिका तीज पर व्रत रखतीं हैं।यह व्रत कुंवारी कन्याएं भी सुंदर व सुयोग्य वर पाने के लिए करती हैं।इस साल हरितालिका तीज का व्रत 21 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होता है।

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हर​तालिका तीज व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है। यह बेहद ही कठिन व्रत होता है। इसे दो प्रकार से किया जाता है। एक निर्जला और दूसरा फलहारी। निर्जला व्रत में पानी नहीं ​पीते हैं और न ही अन्न या फल ग्रहण करते हैं, वहीं फलाहारी व्रत रखने वाले लोग व्रत के दौरान जल पी सकते हैं और फल का सेवन करते हैं। जो कन्याएं निर्जला व्रत नहीं कर सकती हैं तो उनको फलाहारी व्रत करना चाहिए।hartalika teej 2020

व्रत वाले दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। उसके बाद पूजा स्थान की सफाई करें। अब हाथ में जल और पुष्प लेकर हरतालिका तीज व्रत का संकल्प करें। इसके पश्चात सुबह या प्रदोष के पूजा मुहूर्त का ध्यान रखकर पूजा करें।

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सबसे पहले मिट्टी का एक शिवलिंग, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बना लें। अब सर्वप्रथम भगवान​ शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। उनको भांग, धतूरा, बेलपत्र, सफेद चंदन, सफेद पुष्प, फल आ​दि अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करें। फिर माता पार्वती को अक्षत्, सिंदूर, फूल, फल, धूप, दीप आ​दि अर्पित करें। इस दौरान ऊँ उमायै नम: मंत्र का जाप करें।hartalika teej 2020 puja vidhi

जो कुंवारी लड़कियां यह व्रत कर रहीं हैं वह माता को सुहाग की सामग्री जैसे मेंहदी, चूड़ी, चुनरी, साड़ी, सिंदूर, कंगना आदि अर्पित करें। इसके पश्चात विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की भी पूजा करें। इसके बाद हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें। अंत में माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की आरती करें। इसके बाद पूजा में कोई कमी रह गई हो तो उनसे क्षमा याचना कर लें।

शुभ मुहूर्त..

प्रातःकाल 05:54 बजे से 08:30 बजे तक

प्रदोषकाल:  शाम  06:54 से रात 09:06 बजे तक।

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