Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

Matyagajendra Nath Temple : वनवास के समय यहां निवास करने के लिए प्रभू श्रीराम ने Chitrakoot के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र नाथ से ली थी आज्ञा, जानिए पौरोणिक महत्व

Matyagajendra Nath Temple : वनवास के समय यहां निवास करने के लिए प्रभू श्रीराम ने Chitrakoot के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र नाथ से ली थी आज्ञा, जानिए पौरोणिक महत्व
चित्रकूट में मत्यगजेंद्र नाथ शिव मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट धाम में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है.यहां कण-कण में देवता निवास करते हैं.यहां प्रभू श्री रामचन्द्र और लक्ष्मण जी ने मत्यगजेंद्र स्वामी के दर्शन कर यहां निवास करने की इजाजत ली थी.जिसके बाद प्रभू राम ,माता सीता और भ्राता लक्ष्मण ने यहां साढ़े 11 वर्ष बिताए. मत्यगजेंद्र स्वामी को चित्रकूट का क्षेत्रपाल भी कहा जाता है.आमदिनों के साथ श्रावण मास में यहाँ देश-विदेश से भक्तों का तांता लगा रहता है.


हाईलाइट्स

  • चित्रकूट के रामघाट पर मत्यगजेंद्र नाथ शिव मन्दिर के दर्शन का विशेष महत्व,आमदिनों के साथ सावन में भक्
  • प्रभू श्री राम और लक्ष्मण ने चित्रकूट निवास के लिए यहां के क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्र स्वामी से ली थी आज
  • मन्दिर में 4 शिवलिंग,भक्त मंदाकिनी नदी में स्नान कर करते है दर्शन,होती है मनोकामना पूर्ण

History of Matyagajendra Nath Temple : चित्रकूट धाम में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थान हैं.कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा का विशेष महत्व है.मंदाकिनी नदी के समीप रामघाट पर चित्रकूट के क्षेत्रपाल के दर्शन के बगैर यात्रा अधूरी है. आज हमारी टीम आपको श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट के मत्यगजेंद्रनाथ स्वामी के दर्शन के साथ ही यहां की मान्यता और पौराणिक महत्व को भी बताएगा.

चित्रकूट नगरी के कण-कण में देवता ही बसते हैं. अमावस्या हो या पूर्णिमा यहां पर भक्तों का तांता हमेशा लगा रहता है.चलिए आज आपको मत्यगजेंद्र स्वामी मंदिर के पौराणिक महत्व के बारे में बताएंगे.

चित्रकूट के क्षेत्रपाल के रूप में मत्यगजेंद्रनाथ स्वामी हैं मौजूद

त्रेतायुग में चित्रकूट की पावन नगरी में प्रभू श्री राम के चरण पड़े थे, प्रभू ने यहां वनवास के दौरान अपनी भार्या माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष में से साढ़े 11 वर्ष बिताए थे.तबसे इस पूजनीय तीर्थ स्थान के कण-कण में श्री राम बसे हुए हैं.यहां मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट पर मत्यगजेंद्र नाथ शिव जी का मंदिर है.जिन्हें चित्रकूट का क्षेत्रपाल कहा जाता है.इस मंदिर में 4 शिवलिंग है. जो पूरे उत्तर भारत में केवल यहीं हैं. यहां कई तीर्थ स्थान होने के चलते देश-विदेश से पर्यटक और भक्तों का आना लगा रहता है.सावन मास में भक्त मंदाकिनी नदी में स्नान करने के बाद मत्यगजेंद्र स्वामी के दर्शन करते हैं.

Read More: Navratri Paran Kab Hai 2025: शारदीय नवरात्रि व्रत का पारण कब है? जानिए पंडित जी ने क्यों बताया ये शुभ मुहूर्त

ब्रह्मा जी के 108 कुंडी यज्ञ से उतपन्न हुआ शिवलिंग,शिवपुराण में भी उल्लेख

Read More: Dhanteras Me Kya Kharide: धनतेरस में क्या खरीदना होता है शुभ? जानिए शुभ मुहूर्त, धन्वंतरि, कुबेर और मां लक्ष्मी की पूजा से मिलने वाले लाभ

मन्दिर का उल्लेख शिवपुराण में भी मिलता है.

Read More: शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना 2025: हाथी पर सवार होकर आ रहीं हैं मां जगदम्बा ! दस दिन रहेगा पर्व, अद्भुद संयोग

नायविंत समोदेशी नब्रम्ह सद्दशी पूरी।

यज्ञवेदी स्थितातत्र त्रिशद्धनुष मायता।।

शर्तअष्टोत्तरं कुण्ड ब्राम्हणां काल्पितं पुरा।

धताचकार विधिवच्छत् यज्ञम् खण्डितम्।। (शिवपुराण अष्टम खंड, द्वितीय अध्याय)

सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी ने चित्रकूट मंदाकिनी नदी के पास यज्ञ वेदी में 108 कुंडी यज्ञ किया था.जिसमें शिव जी का मत्यगजेंद्र स्वरूप में लिंग प्रकट हुआ.जिसके बाद इस शिवलिंग को मन्दिर में स्थापित किया.ख़ास बात यह है कि यहां अगल-बगल 4 शिवलिंग हैं.

चित्रकूट निवास के लिए क्षेत्रपाल मत्यगजेंद्रनाथ से ली आज्ञा

यहां त्रेतायुग में वनवास के समय प्रभु श्री राम,पत्नी माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ चित्रकूट आए थे. उन्होंने यहां निवास करने से पहले यहां के क्षेत्रपाल मतगजेंद्र स्वामी जी से आज्ञा लेना उचित समझा. प्रभु श्री राम ने लक्ष्मण से मत्यगजेंद्र जी से चित्रकूट में रहने की इजाजत मांगी. तब शिव जी दिगंबर रूप में प्रकट हुए. इनका एक हाथ मुंह पर और एक हाथ गुप्तांग पर था और वह नृत्य करने लगे.लक्ष्मण जी कुछ समझ ना पाए और उन्होंने प्रभू श्रीराम से इसका अर्थ पूछा, प्रभु श्री राम ने कहा कि इसका अर्थ है ब्रह्मचर्य का पालन और वाणी पर संयम रखना इस बात का संकेत है. जिसके बाद साढ़े 11 वर्ष तक प्रभु श्री राम ने चित्रकूट में व्यतीत किए.

तीर्थनगरी होने की वजह से हर दिन भक्तों का उमड़ता है हुजूम

चित्रकूट में आम दिनों के साथ-साथ यहां की अमावस्या को भक्तों का भारी हुजूम उमड़ता है. चित्रकूट एक प्रसिद्ध तीर्थ नगरी भी है. यहां पर अनेक तीर्थ स्थान भी है.यहां अद्भत सुंदर पहाड़ और हरे भरे वृक्षो का आकर्षण है.भक्त दर्शन के लिए मत्यगजेंद्र नाथ स्वामी के अलावा कामतानाथ,सती अनुसुइया, हनुमान धारा, स्फटिक शिला कई जगह के लिए निकलते हैं. 

Latest News

Fatehpur News: फतेहपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष के बैनर रातों-रात फाड़े गए ! कार्यकर्ताओं में रोष, जारी हुई नोटिस Fatehpur News: फतेहपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष के बैनर रातों-रात फाड़े गए ! कार्यकर्ताओं में रोष, जारी हुई नोटिस
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में नवनिर्वाचित भाजपा जिलाध्यक्ष अन्नू श्रीवास्तव के स्वागत में लगाए गए बैनर रातों-रात फाड़े जाने से...
आज का राशिफल 08 दिसंबर 2025: भोले बाबा की कृपा से बनेंगे बिगड़ेंगे काम ! कुछ लोगों को रहना होगा सावधान, जानिए सभी राशियों का हाल
राजस्थान पुलिस ने फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और पत्नी श्वेतांबरी को किया गिरफ्तार: 30 करोड़ की कथित धोखाधड़ी में बड़ी कार्रवाई
कानपुर-उन्नाव से सीधे लखनऊ जाना हुआ मुश्किल: एक महीने रहेगा रूट डाइवर्जन, जानिए कैसे जाएंगे गंतव्य तक
Raebareli News: विश्व मानवाधिकार दिवस पर कई दिग्गज होंगे एक साथ ! जजों, अफसरों की मौजूदगी में होगा भव्य सम्मान समारोह
07 December 2025 Rashifal: किस्मत आज करवाएगी बड़ा चमत्कार, कई राशियों की लाइफ का टर्निंग पॉइंट शुरू
Fatehpur News: हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची मजिस्ट्रेट दुल्हन ! गांव में उमड़ी मेले जैसी भीड़

Follow Us