
पुलवामा हमले के पूरे एक साल बाद भी अनसुलझे हैं ये सवाल..!
पुलवामा आतंकी हमले की आज पहली बरसी है।आज से ठीक एक साल पहले..यानी 14 फ़रवरी 2019 को सीआरपीएफ के जवानों से भरी एम बस को आतंकियों ने उड़ा दिया था..इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।

डेस्क:पुलवामा हमले की पहली बरसी पर शुक्रवार को पूरे देश भर में हमले में शहीद हुए जवानों की शहादत को नम आँखों के साथ याद किया जा रहा है।लेक़िन हमले की जांच कर रही एनआईए अभी भी कई सवालों के जवाब नहीं पता कर सकी है।हमले को लेकर आम लोगों के मन में भी कई सवाल थे जो अब तक सुलझ नहीं सके हैं।

पुलवामा हमले की जांच कई समस्याओं में घिरी रही। हालत यह रही कि एनआईए चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी क्योंकि हमले के सभी संदिग्धों की मौत हो गई है। इस हमले के दो संदिग्ध मुदसिर अहमद और सज्जाद भट की पिछले साल सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई। पिछले साल जून में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में कहा था कि पुलवामा हमला 'खूफिया तंत्र की चूक' नहीं है।
द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा कि विस्फोटकों को खुद से खरीदा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा, 'ये युद्ध में इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक आमतौर पर सैन्य ठिकानों पर पाए जाते हैं।' फरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले में 25 किलो प्लास्टिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि जिन विस्फोटकों को कार में रखा गया था, उनमें अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लीसरीन और आरडीएक्स शामिल था।'
