World Malariya Day 2024: जानिए क्यों मनाते हैं विश्व मलेरिया दिवस ! क्या हैं इस जानलेवा बीमारी के लक्षण और बचाव
World Malariya Day 2024
25 अप्रैल यानी आज विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है इसे मनाने का उद्देश्य यह है कि इस जानलेवा बीमारी (Life Threatening Illness) के प्रति लोगों को जागरूक (Aware) करना होता है क्योंकि बीते कुछ समय से मलेरिया के मामलों में अधिकतर बढ़ोतरी हो रही है, क्योंकि मलेरिया के लक्षण (Symptoms) होने पर लोगों को पहचान नहीं हो पाती है जिस वजह से बीमारी बढ़ जाती है आज इस आर्टिकल के जरिए हम बताने की कोशिश करेंगे कि मलेरिया की पहचान कैसे करें.
25 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है मलेरिया दिवस
मलेरिया (Malaria) से हर साल दुनिया भर में हजारों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं यह आंकड़े बेहद डरावने हैं. क्योंकि किसी बच्चों के काटने से इतनी खतरनाक बीमारी (Dangerous Disease) हो सकती है. इसका अंदाजा भी किसी को नहीं होता है इसीलिए अब लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए 25 अप्रैल को दुनिया भर में विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है.
जिसके जरिए लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने का काम किया जाता है. अमूमन इस बीमारी में ऐसा होता है कि लोगों को मलेरिया की पहचान नहीं होती है और इस बीच आने वाले बुखार को लोग नॉर्मल बुखार समझते हैं यही कारण है कि यह बुखार मलेरिया का रूप ले लेता है और इस बुखार से ग्रस्त मरीज अपनी जान से भी हाथ धो बैठता है.
कब शुरुआत हुई मलेरिया दिवस की?
मलेरिया दिवस (Malaria Day) मनाए जाने की शुरुआत वर्ष 2000 से हुई थी. पहले इसे अफ्रीकी मलेरिया डे (Afriki Malaria Day) के नाम से जानते थे बाद में साल 2008 में इसका नाम वर्ल्ड मलेरिया डे रख दिया गया. वर्ल्ड मलेरिया डे 2024 की थीम इस बार Accelerating the fight against malaria for a more equitable world है. इसका अर्थ यह है कि मलेरिया के खिलाफ जारी लड़ाई में तेजी लाना है.
मलेरिया के होने वाले लक्षण
मलेरिया की इस बुखार को लेकर एक्सपर्ट का कहना है कि मलेरिया का बुखार (Fever) काफी तेजी से आने के साथ-साथ मरीज को ठंड भी लगती है. ऐसे में मरीज थकान भी महसूस (Feeling Tired) करता है. यही कारण है कि उसे दस्त और उल्टी (Vomet) भी होने लगती है.
लगातार खांसी और उल्टी आने की वजह से मरीज को सांस लेने में भी काफी समस्या होती है जबकि सामान्य सर्दी या फिर सिजनी बुखार आने पर सर्दी या फिर दस्त की शिकायत नहीं होती है ऐसी स्थिति में मांसपेशियों में दर्द और ठंड भी नहीं लगती है केवल बुखार आता है.
कैसे फैलता है यह रोग?
मलेरिया (Malaria) की बीमारी मलेरिया के मच्छर के काटने से बहुत ही तेजी से फैलता है. इसके साथ ही मादा एनोफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लास्मोडियम परजीवी फैलाती है. बाद में यही मलेरिया का कारण बन जाता है.
वही आगे एक्सपर्ट का कहना है कि इसके फैलने के और भी तरीके हो सकते हैं मसलन यदि कोई प्रेग्नेंट महिला मलेरिया से ग्रसित है तो यह बीमारी उसके बच्चे में भी फैल सकती है लेकिन वर्तमान की तकनीको और इलाज के कारण 2021 के बाद से मलेरिया के केसों में काफी कमी आई है ऐसा इसलिए संभव हुआ है कि लगातार स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
रोकथाम और बचाव
मलेरिया की बीमारी से बचने के लिए एक वैक्सीन भी बनाई गई है लेकिन रिसर्च के मुताबिक दुनिया भर में इस वैक्सीन का प्रयोग अफ्रीका में सबसे ज्यादा किया जाता है क्योंकि वहां पर यह बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है वही बात की जाए यदि इस बीमारी की रोकथाम और इलाज की तो इसके लिए एंटी मलेरियल मेडिसिन भी उपलब्ध है.जबकि प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इस लक्षण की दवाइयां अलग आती है.
कुल मिलाकर इस तरह का लक्षण होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें और इनको द्वारा सुझाई गई दवाइयां का ही सेवन करते रहें. इसके साथ ही मच्छरदानी का प्रयोग करें, पूरे बाहों के कपड़े पहनें, यही नहीं कूलर और टँकी का भरा पानी ज्यादा दिन तक न जमा रहने दें.