Yoga For High Blood Pressure: हाई ब्लड प्रेशर नहीं हो रहा कंट्रोल, आजमाएं ये 5 तरह के योगासन
Yoga For High Blood Pressure: ज्यादा गुस्सा आना,बात-बात पर लड़ जाना यह सब कहीं न कहीं हाई बीपी की तरफ इशारा कर रहा है. 140/90 ब्लड प्रेशर या इससे ज्यादा हो रहा है तो बीपी हाई की ओर जा रहा है. ज्यादा हाई बीपी से गम्भीर बीमारियों के साथ मौत तक हो सकती है. कुछ ऐसे योगासन हैं जिनसे आप हाई बीपी को नियंत्रित कर सकते हैं.
हाईलाइट्स
- हाई ब्लड प्रेशर नही हो रहा नियंत्रित, आजमाए ये योगासन
- हाई बीपी कई गंभीर रोगों को करता है उतपन्न, मौत तक हो सकती है
- इन 5 तरह के योग से मिल सकता है लाभ,हाई बीपी होगा कंट्रोल
Yoga for High Blood Pressure in Hindi : इंसान आज स्वस्थ कम बीमार ज्यादा होने लगा है. कोई न कोई बीमारी शरीर को घेरे ही रहती है. ब्लड प्रेशर बढ़ना और घटना दोनों ही खतरनाक हैं, हाई बीपी यदि नियंत्रित नहीं होता तो यह चिंता का विषय है, और गम्भीर बीमारियां शरीर में जन्म ले लेती हैं. हाई ब्लड प्रेशर यदि नियंत्रित न हो रहा हो तो ये 5 योगासन करें फिर देखिए इसके फायदे.
हाईब्लड प्रेशर नियंत्रित न होना ख़तरनाक
हाई ब्लड प्रेशर जानलेवा साबित हो सकता है. यह स्थिति तब बनती है जब शरीर की धमनियों में खून का प्रवाह बहुत अधिक बढ़ जाता है. इससे तमाम तरह की गंभीर बीमारी जन्म लेती हैं. इससे मधुमेह, स्ट्रोक, किडनी फेल, हृदय रोग,भी हो सकता है.
कुछ योगासन ऐसे हैं जिनसे आप हाई बीपी को नियंत्रित कर सकते हैं.
इन योगासन से हाई ब्लड प्रेशर रहेगा नियंत्रित
योगा तो वैसे भी मानव शरीर के स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है. सभी को योग करने की आदत डालनी चाहिए. सुप्त पदांगुष्ठासन योग इसमें आप योगा मैट बिछाकर पीठ के सहारे लेट जाएं, फिर सांस भरते हुए दाएं पैर को ऊपर उठाएं, दोनों पैर घुटने से न मुड़ें ये ध्यान दें. फिर सांस छोड़ते हुए दाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ने की कोशिश करें. इस मुद्रा में कुछ सेकेंड रहें फिर इसी तरह से बाएं पैर से ये प्रकिया करें.
योग से शरीर मे दिखेंगे और भी लाभ (Yoga For BP)
दूसरा अधोमुख श्वानासन है इसे करने के लिये मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें. फिर सामने की ओर झुकते हुए हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस ले और कमर को ऊपर उठाएं. इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें. इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए. कुछ मिनट इसी अवस्था में रहे, धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं.
फिर आता है बद्धकोणासन इसमें सबसे पहले मैट पर दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं. फिर पैरों को मोड़कर दोनों तलवों को आपस में मिलाएं. फिर दोनों हाथों से तलवों को पकड़ कर दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें. सामान्य गति से सांस लेते रहें कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें.
वृक्षासन और सुखासन योग के बड़े फायदे
फिर आता है वृक्षासन इसमें सबसे पहले मैट बिछाकर दोनों पैरों को आपस में जोड़ लें और सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं. शरीर का बेलेंस बनाते हुए, हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें, फिर हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आएं. थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं .
फिर सुखासन आता है इसमें सबसे पहले मैट पर पीठ को सीधा करले और बैठ जाएं. बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं पैर की जांघ के नीचे रखें.
इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें, फिर दोनों हाथों को ध्यान मुद्रा में घुटनों पर रखें और दोनों आंखों को बंद करें. यदि आप इन सब योगासन को सही से करते हैं तो हाईबीपी तो नियन्त्रित होगा ही कई अन्य बीमारियां भी गायब हो जाएंगी.