फ़तेहपुर:लखपति बनने का झांसा देकर करोड़ो डकार गई फर्जी कम्पनी..बंधक बने युवक ने छूटने के बाद बताई सच्चाई.!
सदर कोतवाली क्षेत्र के लखनऊ बाईपास स्थित गेलवे (अब ग्लेज) ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के ऑफिस में आज एक बार फिर बवाल हुआ...पढ़े इस बड़े फर्जीवाड़े पर युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।
फतेहपुर:बेरोजगार नवयुवकों को नौकरी और बड़े बड़े सपने दिखाकर इन दिनों कई प्राइवेट कंपनियां फर्जीवाड़ा करने में जुटी हुई हैं।इन कम्पनियों के झांसे में आकर कई बेरोजगार अपना लाखों रुपया कम्पनियों में जमा कर चुके हैं।और बदले में कम्पनी से उनको सिर्फ़ और सिर्फ़ धोखा मिला है।
गेलवे ने नाम बदला काम वही..फर्जीवाड़ा.!
लखनऊ बाईपास स्थित ग्लेज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ऑफिस में आज कुछ पीड़ित युवकों ने बवाल किया।बवाल इस बात को लेकर हुआ कि उनको झांसे में लेकर क़रीब 20,20 हज़ार रुपए कम्पनी में नौकरी के नाम पर जमा कराए गए लेक़िन बाद में ये कहा गया कि उनको अपने ही जैसे कई लड़को को इस कम्पनी में और जुड़वाना है तब आपको उसका कमीशन मिलेगा।इतना ही सालों से कम्पनी में अपना रुपया जमा कर काम करने के बाद भी किसी तरह की कोई सैलरी इन पीड़ित नवजवानों को कंपनी की तरफ़ से नहीं दी गई है।
यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि बीते जुलाई माह में इस कम्पनी के फर्जीवाड़े की शिकायत कुछ पीड़ित युवकों ने की थी जिसके बाद कम्पनी में पुलिस ने छापेमारी कर कम्पनी के संचालक समेत 13 लोगों को हिरासत में लिया था साथ कम्पनी के लखनऊ बाईपास स्थित ऑफिस को सीज कर दिया था तब इस कंपनी का नाम गेलवे प्राइवेट लिमिटेड हुआ करता था।लेक़िन कुछ ही दिनों बाद कंपनी ने नए नाम ग्लेज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपना काम धड़ल्ले से शुरू कर दिया।
क्या काम करती है कम्पनी और कैसे होते है युवक जालसाजी का शिकार..
वैसे तो आफिस के बाहर टँगे हुए एक बोर्ड में यह लिखा हुआ है कि कंपनी में उपलब्ध प्रोडक्ट को बेचने के आधार पर कम्पनी बेचने वाले को इंसेंटिव अर्थात कमीशन देती है।लेक़िन इसी कम्पनी में काम करने वाले पीड़ित कर्मजीत निवासी अयोध्या(फैजाबाद) ने बताया कि उसे यह कहकर झांसे में लिया गया था कि उपरोक्त कम्पनी ट्रांसपोर्ट का काम करती है और उसी काम के लिए आपको नौकरी दी जा रही है।नौकरी देने से पहले कम्पनी ने 12000 और 8000 रुपये कुल 20000 रुपए जमा कराए।इसके बाद कम्पनी ने चैन सिस्टम(नेटवर्क मार्केटिंग) के जरिए लोगों को जुड़वाने का काम बताया इतना ही नहीं जब हम लोगों ने यह काम करने से मना किया और वापस अपने ज़िले जाने की बात कही तो कम्पनी के कर्मचारी जाने भी नहीं दे रहे हैं।आज भी कर्मजीत और उसके साथ ही कम्पनी में फंसे उसके चाचा को कर्मचारियों ने बंधक बना लिया था।जिसके बाद ही बवाल हुआ है।
जब इस मामले में कम्पनी के ऑफिस में मौजूद डिस्ट्रीब्यूटर जीत निवासी बोकारो झारखंड से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारी कंपनी किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं देती है वह केवल अपने प्रोडक्ट बेचने का काम करती है।और किसका कितना पैसा कंपनी में जमा है और कितने लोग कम्पनी में काम कर रहे हैं इसकी जानकारी नही है।