बांदा: दर्द जब हद से ज़्यादा बढ़ जाता है तो अक़्सर लोग मौत में ही सुकून तलाश करते हैं।लेक़िन मरने वाले को ये पता नहीं चलता कि किसी भी समस्या का मौत अंतिम रास्ता नहीं है।
मामला बांदा ज़िले के महुआ ब्लाक के
छिबाँव गाँव का है, मिली जानकारी के अनुसार छिबाँव के प्राथमिक विद्यालय में बतौर इंचार्ज प्रधानाध्यापिका के पद पर तैनात
शबनम नाजमी(29) पुत्री अली अकबर ने गुरुवार सुबह विद्यालय पहुंचकर स्कूल के ही ऑफिस में पंखे से लटक फांसी लगा ली जिससे उसकी मौत हो गई।मौक़े पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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ग्रामीणों ने बताया कि आज शबनम सुबह 7:30 बजे ही अपने स्कूटी से विद्यालय पहुंच गई थी इसके बाद क्या हुआ यह पता नहीं चल सका और सीधे उनके मरने की खबर मिली।स्कूल में रसोइया के पद पर तैनात संतोषी ने बताया कि आज सुबह जब वह विद्यालय खुलने के समय 9 बजे पहुंची तो प्रधानाध्यापिका का कमरा अंदर से बन्द था जिसके बाद उसने आवाज दी लेक़िन कोई उत्तर नहीं मिला तब तक विद्यालय पहुंच चुकी दो अन्य अध्यापिका प्रीति व वंदना तिवारी ने पुलिस को घटना की जानकारी दी।इसके बाद मौक़े पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शबनम के शव को फंदे से उतारा और जिला अस्पताल भेजा जहां डाक्टरो ने उसके मरने की पुष्टि की।
पति कर रहा था दस लाख रुपए की मांग...
मृतका शबनम की माँ
हसीना ने शबनम के पति
अनिकेत के ऊपर आरोप लगाते हुए बताया कि उसका पति शादी के बाद से उससे दस लाख रुपयों की मांग कर रहा था और रुपये न देने पर शबनम को परेशान करता था।हसीना ने बताया कि अनिकेत के साथ उसकी बेटी ने क़रीब दो साल पहले कोर्ट मैरिज कर ली थी लेक़िन क़रीब 5 माह से वह मेरी बेटी से अलग होकर अपने माँ बाप के पास झांसी में रहने लगा था।शबनम के साथ उसकी छोटी बहन बांदा में डीएम कालोनी में एक किराए के मकान में रह रहे थे।माँ ने बताया कि शबनम की छोटी बहन होली की छुट्टी में हमारे पास झांसी चली आई थी गुरुवार को वह वापस बांदा आने वाली थी पर शबनम ने फोन कर उसको आने से मना कर दिया था।
शबनम की मौत के बाद शिक्षा क्षेत्र महुआ के समस्त अध्यापकों में शोक की लहर छाई हुई है।फ़िलहाल पुलिस इस मामले को आत्महत्या ही मानकर चल रही है लेक़िन पुलिस द्वारा अन्य कारणों की भी बारीकी से जांच की जा रही है।