Prajwal Revanna: पूर्व प्रधानमंत्री के पोते प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद ! रेप केस में दोषी करार, पीड़िता की साड़ी बनी सबसे अहम सबूत
Prajwal Revanna
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और JDS के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बेंगलुरु की विशेष अदालत ने पीड़िता को 11 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. केस की सुनवाई महज 14 महीने में पूरी हुई और फैसले के वक्त रेवन्ना कोर्ट में फूट-फूटकर रोने लगे.

Prajwal Revanna: कर्नाटक की राजनीति में भूचाल लाने वाले रेप केस में बड़ा फैसला आया है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और JDS के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है.
अदालत ने रेप और वीडियो बनाने के गंभीर आरोपों में उन्हें दोषी पाया है. साथ ही कोर्ट ने रेवन्ना पर 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसे पीड़िता को मुआवजे के तौर पर देने का आदेश दिया गया है. इस केस की सुनवाई महज 14 महीने में पूरी हुई, जो न्यायिक प्रणाली में एक मिसाल है.
14 महीने में आया बड़ा फैसला, अदालत में रो पड़े प्रज्वल
1 अगस्त 2025 को बेंगलुरु की विशेष अदालत ने जनता दल सेक्युलर (JDS) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को रेप केस में दोषी करार दिया था. अब अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 11 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह पूरी रकम पीड़िता को बतौर मुआवजा दी जाएगी. फैसला सुनते ही रेवन्ना कोर्ट रूम में फूट-फूटकर रोने लगे. कोर्ट ने मात्र 14 महीने में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जो तेज़ न्याय प्रक्रिया का उदाहरण बन गया.
पूर्व प्रधानमंत्री का पोता और कैबिनेट मंत्री का भतीजा है दोषी
हाउस हेल्प के साथ दो बार हुआ रेप, वीडियो भी बनाया गया
48 वर्षीय पीड़िता रेवन्ना के फार्महाउस में हाउस हेल्प के तौर पर काम करती थी. पहली बार उसी फार्महाउस में उसके साथ रेप किया गया. दूसरी घटना 2021 में कोविड लॉकडाउन के दौरान बेंगलुरु के बसवनगुडी इलाके में उसके घर पर हुई. आरोप है कि रेवन्ना ने इन दोनों घटनाओं के दौरान महिला का वीडियो भी बनाया, जो बाद में केस की जांच में एक अहम कड़ी बना.
पीड़िता की साड़ी ने पलट दी केस की दिशा
महिला ने घटना के दौरान पहनी गई साड़ी को सबूत के तौर पर संभाल कर रखा था. जांच के दौरान उस साड़ी को कोर्ट में पेश किया गया. फॉरेंसिक जांच में उस पर स्पर्म के निशान पाए गए. कोर्ट ने इसे बेहद अहम सबूत मानते हुए कहा कि यह कपड़ा केस में निर्णायक भूमिका में रहा. यही वजह रही कि अदालत को महिला की बातों पर यकीन करने में कोई संदेह नहीं रहा.
CID की SIT ने की जांच, 2000 पन्नों की चार्जशीट, 23 गवाह
इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच CID के विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी गई थी. जांच के बाद 2,000 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई, जिसमें कुल 123 सबूत शामिल थे. केस की सुनवाई 31 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी. इस दौरान कुल 23 गवाहों की गवाही हुई. रेवन्ना के वकील ने आरोपों को खारिज करने की कोशिश की, लेकिन अदालत ने उनके सभी तर्कों को ठुकरा दिया और दोष तय किया.