
फतेहपुर:तंगहाली में जीते हुए जिंदगी की जंग हार गया एक और शिक्षामित्र..न बेटी का ब्याह कर सका और न ही अपनी बीमारी का इलाज.!
फतेहपुर में बीते गुरुवार को एक शिक्षामित्र की बुखार की वजह से जान चली गई।बताया जा रहा है कि धन के अभाव में शिक्षामित्र का समुचित इलाज न होने के चलते ऐसे हुआ...पढ़े पूरी खबर विस्तार से युगान्तर प्रवाह पर।

फतेहपुर:सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद समायोजन रद्द होने से 10 हज़ार के अल्प मानदेय पर कार्यरत शिक्षामित्र आर्थिक बदहाली और तंगी से गुजर रहे हैं।शिक्षामित्रों की माने तो समायोजन रद्द होने के बाद से अब तक पूरे प्रदेश में क़रीब 1500 शिक्षामित्र अपनी जान गवां बैठा है और मौत का कारण समायोजन रद्द होना है।
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ताज़ा मामला फतेहपुर का है यहां भी गुरुवार को एक शिक्षामित्र की मौत हो गई।जानकारी के अनुसार हंसवा विकास खण्ड के कुसम्भी गाँव के मजरे लडौली प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र लक्ष्मी शंकर शुक्ला की गुरुवार को बुखार की वजह से मौत हो गई।
शिक्षामित्र संगठन के नेता सुशील तिवारी ने बताया कि लक्ष्मी शंकर को बीते कुछ दिनों से बुखार आ रहा था लेक़िन पैसों की तंगी के चलते वो अपना इलाज सही से नहीं करा पा रहे थे इसी बीच जब कल उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन इलाज के लिए इलाहाबाद ले जा रहे थे लेक़िन रास्ते मे ही लक्ष्मी शंकर ने दम तोड़ दिया।
सुशील तिवारी ने बताया कि मृतक लक्ष्मी शंकर के दो जवान बेटियां और एक बेटा है समयोजन रद्द होने के बाद ही वह बेटियों की शादी को लेकर परेशान थे कि अब बिना पैसों के कैसे वह अपनी बेटियों की शादी कर पाएंगे।बस इसी चिंता में वह अवसादग्रस्त रहने लगे और अब दुनियां छोड़कर चले गए।
शिक्षामित्र नेता सुशील तिवारी ने बताया कि अल्प मानदेय में जिंदगी गुजार रहे शिक्षामित्रो के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।उन्होंने योगी सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य के बारे में कोई ठोस निर्णय ले नहीं तो ये मौतों का सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा।