करवा चौथ 2019:सत्तर सालों बाद बन है यह शुभ संयोग..इस विधि विधान से करें पूजा.!
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए रखती हैं।इस बार यह व्रत क्यों है ख़ास..पढ़े युगान्तर प्रवाह की यह रिपोर्ट।
डेस्क-पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ का व्रत रखती हैं।यह व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है।इस बार करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर यानि कि आज है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार करवा चौथ(karva chauth) पर बहुत सालों बाद ऐसा शुभ संयोग बन रहा है, जो 70 साल पहले घटित हुआ था। इस करवा चौथ व्रत पर रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का होना करवा चौथ को अत्याधिक मंगलकारी और शुभकारी बना रहा है। ज्योतिष के मत के अनुसार रोहिणी और चन्द्रमा में रोहिणी योग होने से मार्कण्डेय और सत्याभामा योग इस करवा चौथ पर बहुत वर्षों के बाद बन रहा है, जो कि पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं के बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है।
करवा चौथ व्रत की विधि-
एक थाली में सभी पूजा सामग्री (धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक) रख लें और चाँद निकलने के 1 घंटे पूर्व पूजा की शुरुआत कर देनी चाहिए। करवा चौथ की पूजा में करवा चौथ की कथा जरुर सुननी चाहिए। चांद निकले पर चांद को छलनी से देखने के बाद अर्घ्य देकर चन्द्रमा की पूजा करनी चाहिए। चांद को देखने के बाद पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए। घर के बड़े बुजुर्गों जैसे सास-ससुर के पैर छूकर, उन्हे फल मिठाई भेंट करें और उनसे सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करें।