Wrestler Khali Met Premanand Maharaj: रेसलर खली पहुंचे प्रेमानन्द महाराज के पास ! पूछे कई प्रश्न महाराज जी ने दिया ऐसे जवाब
प्रेमानन्द महाराज और खली की मुलाकात
वर्ल्ड चैम्पियन रेसलर (Wrestler) द ग्रेट खली (The Great Khali) मथुरा-वृन्दावन स्थित प्रेमानन्द महाराज के दरबार पहुंचे. यहां उन्होंने महाराज जी से कई सवाल पूछे जिनका प्रेमानन्द जी ने बड़े ही सहजता से जवाब दिया. खली के द्वारा पूछे गए इस सवाल पर महाराज जी जमकर ठहाका लगाकर हंसने लगे.

रेसलर खली प्रेमानन्द महाराज जी के दर्शन करने पहुंचेल
प्रेमानन्द महाराज जी (Premanand Maharaj ji) सत्संग (Satsang) और सुंदर प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध हैं. आज उनके चाहने वालों की संख्या लाखों में है. देश-विदेश से लोग उनके पास दर्शन के लिए मथुरा-वृंदावन (Vrindavan) पहुंचते हैं. बड़े-बड़े सेलिब्रिटी, क्रिकेटर्स भी उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं. लोगों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब वे बड़े ही सहजता और आसानी से दे देते हैं. प्रेमानन्द जी से मिलने और उनके दर्शन पाने रेसलर द ग्रेट खली (The Great Khali) भी पहुंचे. जानिए खली ने प्रेमानन्द महाराज जी से क्या-क्या सवाल किए.
खली ने शुरू किए पूछना सवाल
द ग्रेट खली के नाम से मशहूर रेसलर दलीप सिंह राणा वृन्दावन स्थित प्रेमानन्द महाराज के आश्रम पहुंचे. महाराज जी के शिष्य ने खली का परिचय (Introduction) उन्हें दिया. खली ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया. खली ने पहला सवाल किया कि मैं बहुत सत्संग सुना (Listen Satsang) करता था, लेकिन जबसे उन बाबाओं की हरकत देखी तो मन भटकने लगा. महाराज जी ने बड़े ही सहजता से इसका जवाब दिया कहा कि आपको मिठाई पसन्द (Like Sweets) है या मिठाई बनाने वाला.
खली बोले मिठाई, महाराज जी जोर से ठहाके लगाकर हंसने लगे. कहा फिर मिठाई से मतलब रखो मिठाई बनाने वाले से नहीं, क्योंकि वो समाज में सत्य बोलेगा. पीछे जो वो कर रहा है वह उसे भोगना पड़ेगा. इसलिए आप सत्संग पर ध्यान दें. खली का अगला सवाल था कि मैं भूत और भगवान को महसूस करना चाहता हूं. महाराज जी ने कहा कि इंसान का शरीर पंचभूतों से रचित है. इन्ही भूतों से जिस दिन मुक्त हो जाओगे, उस दिन परमात्मा के स्वरूप के खुद हो जाओगे. भगवत प्राप्ति उनका ध्यान करने से होती है.

बिना नाम जप किये कोई सत्कर्म नहीं टिकता
महाराज जी ने खली से कहा कि आप आज से ही अपने ईष्ट का नाम जप करना शुरू कर दें. खली ने बताया भोलेनाथ के भक्त हैं. महाराज जी की प्रेरणा से खली अब राधा-राधा नाम जपा करेंगे. महाराज जी ने खली को सलाह दी कि आपने जो किया वो साथ जाएगा. आपके जाने पर आपके पास धन होना चाहिए, क्योंकि ऊपर वाले के पास यहां वाला सिक्का नहीं चलेगा. वहां केवल नाम जप चलता है इसलिए वो ही कमाना होगा. जो आपको नाम प्रिय है जपना चाहिए. 10 मिनट दें 20 मिनट दें पर दे जरूर आज से ही शुरू कर दें. देखिए अपने आप परिवर्तन होगा.
खली ने एक और सवाल किया कि मैं किसी को दुख नहीं पहुंचाना चाहता लेकिन लोग मेरे भोलेपन का फायदा उठाने का प्रयास करते हैं, जिससे मुझसे गुस्सा कंट्रोल नहीं होता है. महाराज जी ने बड़े ही सहज ढंग से जवाब दिया कि आपको गुस्सा नहीं करना है, यह आपका परम सौभाग्य है जो लोग आपका फायदा उठा रहे हैं. खली का यह भी सवाल था कि माला जपना जरूरी है या कर्म जरूरी है. जिसपर महाराज जी बोले कि बिना नाम जप किये कोई सत्कर्म टिकेगा ही नहीं.