Singrauli Khodenath TempIe : 2500 फीट ऊंची पहाड़ी में है चमत्कारी शिव मंदिर ! जानिए रात में रुकना क्यों मना है
मध्यप्रदेश के सिंगरौली में 2500 फीट ऊंचे पहाड़ पर रहस्यमयी शिव मंदिर है.मन्दिर तक पहुंचने के लिए 1065 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं.दूर-दूर से भक्त बाबा को जल चढ़ाने आते हैं. इस मंदिर को खोडेनाथ शिव मंदिर कहते हैं.यहाँ मन्दिर में रात को कोई नहीं रुकता, कहा जाता है कि जो रुका उसने कल का सूरज नहीं देखा.यहां पहरेदारी के रूप में मधुमक्खियां बनी रहती हैं.
हाईलाइट्स
- एमपी के सिंगरौली में 2500 फीट ऊंची पहाड़ी पर रहस्यमयी शिव मंदिर
- यहां पहाड़ो की आकृति में शिवलिंग के करते हैं भक्त दर्शन,मधु मक्खियां करती हैं पहरेदारी
- रात को यहां कोई नहीं रुकता,दर्शन करने के लिए 1065 सीढियां चढ़नी होंगी
Mysterious Khodenath Shiva temple on a high hill : देश में रहस्यमयी शिव मंदिरों का अनूठा महत्व है.दिव्य और रहस्य वाले कई प्राचीन शिव मंदिर की अद्भुत मान्यता है.आज हम आपको मध्यप्रदेश के एक ऐसे रहस्यमयी शिव मंदिर के बारे में बताएंगे,जिसका रहस्य सुन हर कोई चौक भी सकता है.और यहां के महत्व को भी बताएंगे. चलिए आज आपको ऊंची पहाड़ी पर स्थित इस रहस्यमयी शिव मंदिर के बारे में बताते हैं.
2500 फीट ऊंचे पहाड़ पर रहस्यमयी शिव मंदिर
मध्यप्रदेश के सिंगरौली में कसर गांव स्थित 2500 फीट ऊंचे पहाड़ पर ऐसा रहस्यमयी शिव मंदिर है. जिसकी महिमा सुन हर कोई सन्न रह सकता है. सावन मास में और आम दिनों में मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. सच्चे मन से जो भक्त भोलेनाथ पर जल और बेलपत्र अर्पित करता है, उसकी प्रभु सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.यहां पहाड़ के पत्थर की आकृति में शिवलिंग है.
1065 चढ़नी होंगी सीढ़ियां मधुमक्खियां करती हैं पहरेदारी
मंदिर तक पहुंचने के लिए आप सभी भक्तों को 1065 सीढ़ियां चढ़नी पड़ेगी.खास बात यह है कि हर सीढ़ी में किसी न किसी भक्त का नाम भी लिखा होगा. क्योंकि वह सीढ़ियां भक्तों के द्वारा ही निर्माण कराई गई है. इस मंदिर में पहरेदारी के रूप में मधुमक्खियां रहती है. कहा जाता है जिसके मन में खोट होता है,उसे मधुमक्खियां काट लेती हैं.यहां दर्शन करने वाले भक्त की असीम आस्था है.
इस रहस्यमयी शिवमन्दिर में रात को नहीं रुका जाता
यहां पर आज तक कोई रात में नहीं रुक सका है.यहां रात में रुकने का कारण बड़ा ही अजीब है, और दहशत भरा भी है.कहा जाता है रात में जिसने भी रुकने का प्रयास किया. अगले दिन का सूरज वह नहीं देख सका. तब से यह प्रथा चली आ रही है इस मंदिर में कोई रात में नहीं रुकता है.यह मंदिर काफी प्राचीन है.
भक्तों की रहस्यमयी शिव मंदिर में है विशेष आस्था
यहां के लोगों का कहना है कि 100 वर्ष पहले यहां पर घनघोर जंगल था,ऊंचे पहाड़ पर भगवान शिव की आकृति की विशाल प्रतिमा दिखाई दी. जिसके बाद यह आस्था का केंद्र बन गया.लोगों में दर्शन के लिए भीड़ जुटने लगी. तब से इसे खोडेनाथ शिव मंदिर कहा जाने लगा. सावन के दिनों में यहां भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है.जो भक्त सच्चे मन से बाबा के दर्शन करने पहुंचता है, भोलेनाथ उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.