Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन में भद्रा का साया ! भ्रम से बचें जान लीजिए पूरी बात, कब है शुभ मुहूर्त?
Raksha Bandhan 2024
Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन के त्यौहार में अक्सर भद्रा का साया बना रहता है. इस बार भी भद्रा 19 अगस्त की रात अर्थात 18 रात बजे के बाद 02.21 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक रहेगा. कई लोग भद्रा की पूरी बात जाने बिना ही भ्रम पाल लेते हैं. इस बार भद्रा मकर राशि में होने के कारण पाताल की भद्रा हैं जिससे पृथ्वी पर रहने वाले लोगों पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. जानिए राखी बांधने का शुभ मुहूर्त.
Raksh Bandhan 2024: देश भर में रक्षाबंधन का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन इसे मनाया जाता है. भाई-बहन के लिए ये दिन बेहद खास होता है. बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध कर उनके कल्याण की कामना करतीं हैं वहीं भाई बहनों की रक्षा का वचन देते हैं.
इस बार 19 अगस्त को पड़ने वाली रक्षाबंधन सावन के सोमवार के दिन है जो कि बेहद खास मानी जा रही है. भद्रा का साया होने से लोगों के अंदर राखी कब बांधे इसके सवाल बार-बार भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं. जानिए पंडित ईश्वर दीक्षित ने इसके बारे में क्या जानकारी दी है..
राखी बांधने से पहले दूर कर ले भद्रा का भ्रम..
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) में भद्रा होने के चलते राखी बांधना अत्यंत अशुभ होता है. लेकिन कब कौन सी भद्रा अशुभ फल देती है इसको जानना भी जरूरी होता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित ईश्वर दीक्षित के अनुसार इस बार चंद्रमा मकर राशि में होने के कारण भद्रा पाताल लोक में हैं जिससे पृथ्वी पर रहने वाले लोगों पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जब भद्रा कुंभ राशि में होती है तो इसका असर पृथ्वी अर्थात मृत्युलोक पर पड़ता है. इसलिए इस बार भद्रा से डरने की जरूरत नहीं हैं.
कितनी घातक होती है भद्रा, रावण पर भी हुआ था असर
मान्यताओं के मुताबिक भद्रा शनि देव की बहन है, कहा जाता जाता है कि जब भद्रा का जन्म हुआ तो वह समस्त सृष्टि को निगलने वाली थीं. सभी मांगलिक कार्य में रुकावट पैदा करती थी. मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना अनिष्ट कारी होता है. पैराणिक कथा के अनुसार रावण ने भी अपनी बहन से भद्रा काल में राखी बंधवाई थी जिसके चलते एक साल के अंदर ही उसका अंत हो गया था.
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2024 Shubh muhurt)
पंडित ईश्वर दीक्षित के अनुसार वैसे 19 अगस्त को राखी कभी भी बांधी जा सकती है लेकिन शुभ मुहूर्त की बात करें तो दोपहर 01.46 मिनट से शाम 04.19 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा.
इसके अलावा प्रदोष काल में शाम 06.56 मिनट से रात 09.07 बजे तक रक्षा सूत्र बांधा जा सकता है. पंडित ईश्वर दीक्षित ने कहा कि वैसे इस बार भद्रा पाताल में होने के कारण इसका असर पृथ्वी पर नहीं होगा लेकिन फिर भी शुभ काम में मन के अंदर भय और संशय हो तो भद्रा काल समाप्त होने पर ही राखी बांधे.