राजन जी महाराज जीवन परिचय: मशहूर कथावाचक 'Rajan Ji Maharaj' की राम कथाएं मोह लेती हैं हर किसी का मन ! जानिए कौन हैं राजन जी महाराज, कितनी है फीस?
राजन जी महाराज जीवन परिचय
परमपूज्य सुप्रसिद्ध कथावाचक (Storyteller) राजन जी महाराज (Rajan Ji Maharaj) को कौन नहीं जानता. उनकी रामकथाएं मात्र सुनकर ही जीवन धन्य हो जाता है. कोलकाता में ब्राह्मण परिवार में जन्मे राजन जी महाराज भोजपुरी और मैथिली भाषा में सुदंर भजन-गीत भी गाते हैं. उनके द्वारा सीता-राम, सीता-राम, सीता राम कहिए भजन सबकी जुबां पर रहता है. उनका मानना है कि हर किसी को अध्यात्म, भजन और रामकथा श्रवण जरूर करनी चाहिए. जिससे आपके व्यक्तित्व में नई ऊर्जा का संचार होगा.
![राजन जी महाराज जीवन परिचय: मशहूर कथावाचक 'Rajan Ji Maharaj' की राम कथाएं मोह लेती हैं हर किसी का मन ! जानिए कौन हैं राजन जी महाराज, कितनी है फीस?](https://www.yugantarpravah.com/media-webp/2023-12/rajan_ji_maharaj_biography_in_hindi_fees.jpg)
प्रसिद्ध कथावाचक राजन जी महाराज की रामकथाएं
मानव जीवन का उद्देश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करना होता है. अपने दायित्वों व जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से करना होता है और यहां तक केवल प्रभू की आराधना, भजन और कथा श्रवण से पहुंचा जा सकता है. वे ही हैं जो इस सकारात्मक ऊर्जा का हमारे इस शरीर में संचार करेंगे और नई प्रेरणा देंगे. ये कहना पूज्य सुप्रसिद्ध कथावाचक (Famous Storyteeler) राजन जी महाराज (Rajan Ji Maharaj) का है जिनकी कथाओं से पूरा पंडाल भरा रहता है. बुजुर्ग, महिलाएं, पुरूष और अब युवाओं में भी उनकी रामकथाएं (Ram katha) श्रवण में रुचि बढ़ी है.
कौन हैं परमपूज्य राजन जी महाराज?
परमपूज्य मशहूर (Famous) कथावाचक (Story teller) राजन जी महाराज (Rajan Ji Maharaj) का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. पश्चिम बंगाल के कोलकाता (Kolkata) में इनका जन्म हुआ था. इनका असली नाम राजन तिवारी (Rajan Tiwari) है. प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से की. स्नातक (Graduate) कैमिस्ट्री (Chemistry) ऑनर्स से किया. कुछ दिनों उन्होंने नौकरी भी की. फिर वे वर्ष 2001 में परमपूज्य प्रेममूर्ति संत श्री प्रेमभूषण जी महाराज के सानिध्य में आकर उन्होंने अपना स्वरूप ही बदल लिया.
वर्ष 2011 में राजन जी महाराज ने कथा बाचना शुरू किया. फिर वे भक्तों को भगवान राम से जुड़ी कथाएं सुनाने लगे. धीरे-धीरे वे प्रसिद्ध कथावाचक बन गए. आज देश-विदेश के कोने-कोने में पंडालों में उनकी राम कथाओं को सुनने के लिए हज़ारो- लाखों की भीड़ उमड़ती है. उनके कई भजन और गीत सुप्रसिद्ध हैं. 'सीता राम, सीता राम, सीता राम कहिए' भजन बहुत ही प्रसिद्ध है. इतना ही नहीं देश और विदेशों में इनकी राम कथाएं, गीत और भजन प्रसिद्ध हैं. राजन जी भोजपुरी और मैथिली भाषा में भक्ति गीतों को सुर देने के लिए विख्यात हैं. विदेशों में भी उनकी कथाएं होती हैं. ब्रिटिश संसद में राजन जी महाराज को सम्मानित भी किया जा चुका है. उनकी राम कथाएं, गीत और भजन सुनकर लोग अपने आपको धन्य मानते हैं.
पंडाल में आये लोगों को दिक्कत न हो, लाखों रुपये लेते हैं फीस
उनके द्वारा सुनाई जाने वाली रामकथाएं लोगों का मन मोह लेती है. रामकथा से ही लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान (Spiritual) भी देते हैं. लोग भी इन्हें अपना आदर्श मानते हैं. राजन जी महाराज की कथाओं से प्रेरित (Inspired) युवाओं की संख्या भी कहीं अधिक है. उनका कहना है कि जीवन को सार्थक और अच्छा बनाने के लिए हर पीढ़ी को अध्यात्म से जुड़ने की जरूरत है.
उनके सुप्रसिद्ध भजन जैसे बड़ा निक लागे राघव जी के, प्रभू जी के रहिया रोज निहारल, प्रभू हम भी शरणागत हैं, कथा कहिए भोले भंडारी जी, कैलाश के निवासी समेत कई प्रसिद्ध भजन हैं. पूज्य श्री राजन जी महाराज की राम कथाओं में उमड़ने वाली भीड़ भारी संख्या में होती है. वे कथाओं के लाखों रुपये लेते हैं. जिससे पंडाल में आये हुए भक्तों को कथा सुनने में किसी प्रकार की समस्या न हो. स्टॉफ भी पंडाल में पर्याप्त तैनात रहता है.