Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

Makar Sankranti 2024: नए साल का सबसे पहला पर्व 'मकर संक्रांति' का जानिए महत्व ! शुभ मुहूर्त और क्या है इसके पीछे प्रचलित कथा

Makar Sankranti 2024 Kab Hai

हिन्दू धर्म में नए साल (New Year) का सबसे पहला पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti) ही होता है. पिछले कई वर्षों से गणनाओं के अनुसार यह पर्व 14 जनवरी की बजाए 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. इस बार भी यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. संक्रांति के दिन सूर्य (Sun) मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश करते हैं. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है. इस दिन से शुभ और मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं.

Makar Sankranti 2024: नए साल का सबसे पहला पर्व 'मकर संक्रांति' का जानिए महत्व ! शुभ मुहूर्त और क्या है इसके पीछे प्रचलित कथा
मकर संक्रांति 2024, फोटो-साभार सोशल मीडिया

12 संक्रांतियों में से सबसे अहम होती है मकर संक्रांति 

हमारे हिन्दू धर्म में 12 संक्रांतियां आती है. इन सबमें सबसे बड़ी संक्रांति मकर संक्रांति (Makar Sankranti) है. यह मकर संक्रांति का पर्व देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिन्दू धर्म में नए साल (New Year) के पहले पर्व की शुरुआत मकर संक्रांति से होती है. मोक्षदायिनी मां गंगा नदी में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं, सूर्य को अर्घ्य देकर प्रणाम और जप करते हैं, दान-पुण्य (Charity) करते हैं. चलिए मकर संक्रांति इस बार कब मनाई जाएगी, क्यों मनाई जाती है, किस चीज़ का महत्व (Importance) है व मकर संक्रांति से जुड़ी कथाओं (Stories) को आपको अपने इस लेख के जरिये बताएंगे.

मत रहें कन्फ्यूज, 15 जनवरी को मनाएं मकर संक्रांति पर्व

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व आने वाला है. इस बार भी गणनाओं के अनुसार यह पर्व 15 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा. अक्सर लोगों के मन में यह तारीख को लेकर उथल-पुथल बनी रहती है. पहले यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता था, कुछ सालों से यह परिर्वतन देखने को मिला है. मकर संक्रांति के दिन सूर्य का उत्तरायण (Uttarayan) हो जाता है. सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश (Enter) करते हैं. इस दिन से ही प्रकृति में बदलाव शुरू हो जाता है. सूर्योदय से पूर्व स्नान, दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इस दिन किया गया दान-पुण्य काफी फलदायी (Fruitful) होता है.

मकर संक्रांति का पुण्यकाल शुभ मुहूर्त, शुभ कार्यों की होगी शुरुआत

शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायन को नकारात्मकता और अंधकार का प्रतीक व उत्तरायण को सकारात्मकता एवं प्रकाश का प्रतीक माना गया है. मकर संक्रांति इस लिए खास है कि इस दिन के बाद से शुभ और मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है, दरअसल इससे पहले खरमास लगे होते हैं, इन दिनों कोई भी शुभ कार्य करना सही नहीं माना गया है. मकर संक्रांति से यह प्रतिबंध हट जाता है. सूर्य देव प्रातः 2 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. मकर संक्रान्ति का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है. मकर संक्रांति पुण्यकाल का समय प्रातः 07:15 मिनट से सायं 06: 21 मिनट तक, मकर संक्रांति महा पुण्यकाल का समय प्रातः 07:15 मिनट से प्रातः 09: 06 मिनट तक है.

 गंगा स्नान और दान पुण्य का है महत्व

मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए, सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करें, सूर्य चालीसा पढ़ें. इसके साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को दान-पुण्य भी करना चाहिए. तिल, गुड़ से बने व्यंजन खिचड़ी का दान करें, ऊनी कपड़े दान (Charity) करें. ऐसा करने से सूर्य देव और शनि देव की कृपा (Blessings) प्राप्त होती है. इस दिन खिचड़ी भी घरों में बनती है. जो सेहत की दृष्टि से काफी लाभकारी बताई गई है. तिल और मूंग दाल की खिचड़ी का सेवन करें. कई जगहों पर पतंग भी उड़ाई जाती है.

Read More: Holika Dahan Kab Kiya Jayega 2025: होलिका दहन कितने समय होगा ! जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्वपूर्ण उपाय

सूर्यदेव व शनिदेव से जुड़ी है कथा, भीष्म पितामाह ने त्यागा था शरीर

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव अपने पुत्र शनि देव के घर आते हैं. पुराणों में बताया गया है कि जब सूर्य देव पुत्र शनि देव से मिलने पहली दफा उनके घर गए थे, तब उनको शनि देव ने काला तिल भेंट किया. भेंट किये उस काले तिल (Black Mole) से ही सूर्य देव की पूजा की थी. इससे सूर्य देव अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने शनि देव को आशीर्वाद दिया कि वे उनके घर मकर राशि में आएंगे. घर धन-धान्य से भरपूर हो जाएगा. इस दिन काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती व ढैया से काफी हद तक राहत भी मिलती है.

Read More: Holi Me Gobar badkulla Balle Ka Mahtva: जानिए होलिका दहन में गोबर के उपलों से बनी मालाओं का क्या है महत्व?

एक और पौराणिक कथा प्रचलित है, भीष्म पितामह जब बाणों की शैया पर लेटे थे तब उन्होंने शरीर त्यागने के लिए मकर संक्रांति का दिन ही चुना था. यही नहीं गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए समुद्र से जाकर मिलीं.

Read More: Chaitra Navratri 2025: आज है नवरात्रि ! जानें घटस्थापना का मुहूर्त, व्रत नियम और राम नवमी तक का पूरा कैलेंडर

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

CBSE Result 2025: फतेहपुर के होनहारों ने रचा इतिहास, इंटर और हाईस्कूल दोनों में दिखाया दम CBSE Result 2025: फतेहपुर के होनहारों ने रचा इतिहास, इंटर और हाईस्कूल दोनों में दिखाया दम
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में CBSE Result 2025 में छात्रों ने शानदार प्रदर्शन किया. इंटर में युवराज...
Kanpur News: कानपुर में भीषण अग्निकांड ! गल्ला मंडी और दवा मंडी की 100 से अधिक दुकानें जलकर खाक, कई घायल
Fatehpur Marriage News: फतेहपुर में शादी की खुशियां मातम में बदली ! विदाई के समय दूल्हे की मौत से टूटा परिवार
आज का राशिफल 14 मई 2025: मेष से लेकर मीन तक क्या कहता है दैनिक राशिफल-Today Horoscope In Hindi
Fatehpur News: फतेहपुर पुलिस में बड़ा फेरबदल: एसपी अनूप सिंह ने 34 दरोगाओं को थानों में दी नई तैनाती, बिंदकी चौकी प्रभारी का ट्रांसफर निरस्त
Fatehpur Murder News: फतेहपुर में दोहरे हत्याकांड से सनसनी ! पुजारी समेत दो लोगों की ईंट से कूंचकर हत्या, इलाके में दहशत
Uttar Pradesh News: निजी प्रैक्टिस करते पकड़े गए दो मेडिकल शिक्षक बर्खास्त, सात डॉक्टर और दो CMO पर कार्रवाई की तलवार

Follow Us