oak public school

Basant Panchami 2020:बसंत पंचमी पर क्यों होती है विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा..!

माघ महीने की पंचमी तिथि को वसन्त पंचमी का त्योहार मनाया जाता है..इस साल बसंत पंचमी 29 जनवरी को है..पढ़े युगान्तर प्रवाह की एक रिपोर्ट।

Basant Panchami 2020:बसंत पंचमी पर क्यों होती है विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा..!
फ़ोटो साभार गूगल

डेस्क:बसंत पंचमी का त्योहार इस साल 29 जनवरी को है।माघ महीने की अमावस्या के बाद पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला यह हिंदुओं का बहुत प्रमुख त्योहार है।इस दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा की जाती है।

ये भी पढ़े-आज का राशिफ़ल:मेष, वृषभ सहित कुछ राशियों के लिए बेहद भारी साबित हो सकता है आज का दिन..!

बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की खास पूजा आराधना करते हुए उनसे हमें ज्ञान-बुद्धि प्रदान करने का आशीर्वाद मांगा जाता है। देवी सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। सरस्वती ज्ञान और आत्मिक शांति की प्रतीक हैं। इनकी प्रसन्नता के लिए पूजा में सफेद और पीले रंग के फूलों और वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए। देवी सरस्वती को प्रसाद स्वरूप बूंदी, बेर, चूरमा, चावल का खीर भोग लगाना चाहिए। इस दिन से बसंत का आगमन हो जाता है इसलिए देवी को गुलाब अर्पित करना चाहिए और गुलाल से एक-दूसरे को टीका लगाना चाहिए। (Basant panchami 2020)

ये भी पढ़े-UPTET Result 2019:परिणाम जारी होने के पहले ही अभ्यर्थियों को पता चल जाएगा अपना रिजल्ट..जानें कैसे..!

Read More: Kanpur Vaishno Devi Mandir: जम्मू-कटरा की तर्ज पर इस शहर के वैष्णो देवी मंदिर में भी दर्शन के लिए लेना पड़ता है सकरी गुफा का सहारा

मान्यता है कि सृष्टि रचियता भगवान ब्रह्मा ने जीवों और मनुष्यों की रचना की और लेकिन इसके बाद सृष्टि की ओर देखने पर ब्रह्मा जी को चारों ओर सुनसान माहौल और शांत वातावरण दिखाई देता है, उन्हें महसूस होता है कि कोई कुछ बोल नहीं रहा है। यह देखकर ब्रह्मा जी मायूस होते हैं, तब ब्रह्मा जी भगवान विष्णु जी से अनुमति लेकर कमंडल से पृथ्वी पर जल छिड़कते हैं, उस जल के द्वारा पृथ्वी हिलने लगती हैं और एक अद्भुत शक्ति की प्रतीकस्वरूप चतुर्भुजी (चार भुजाओं वाली) सुंदर स्त्री प्रकट होती है।

Read More: Sant Ravidas Jayanti: 'मन चंगा तो कठौती में गंगा', जानिए संत रविदास कौन थे ! क्यों मनाई जाती है रविदास जयंती?

उस देवी के एक हाथ में वीणा और दूसरे हाथ में वर मुद्रा होती है और वहीं अन्य हाथों में पुस्तक और माला थी। ब्रह्मा जी उस स्त्री से वीणा बजाने का निवेदन करते हैं इस तरह देवी के वीणा बजाने से संसार के सभी जीव-जंतुओं को आवाज मिल जाती है। मान्यतानुसार, उन देवी को सरस्वती नाम दिया गया। वह दिन बसंत पंचमी का दिन था और तभी से देवी सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में यह पर्व मनाया जाता है।

Read More: Mahashivratri 2024: देश भर में महाशिवरात्रि की धूम ! हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठे शिवालय, शिवालयों पर उमड़ा भक्तों का सैलाब

Tags:

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Bulandshahr News In Hindi: बहू का सास पर आया दिल ! सास से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार Bulandshahr News In Hindi: बहू का सास पर आया दिल ! सास से शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार
बुलन्दशहर (Bulandshahr) से बड़ा अजीबोगरीब मामला (Strange Case) सामने आया है. यहां एक बहू का अपनी सास पर दिल आ...
Prachi Nigam Highschool Topper Trolling: यूपी बोर्ड हाईस्कूल टॉपर प्राची निगम आखिर क्यों हो रहीं ट्रोल
Fatehpur News: फतेहपुर से कानपुर जा रहा था परिवार ! सड़क हादसे में तीन की मौत, दो घायल
Kanpur Crime In Hindi: जन्मदिन पर ऑनलाइन केक किया ऑर्डर ! युवती के ओटीपी देते ही खाली हुआ बैंक अकाउंट
Sambhal Crime In Hindi: कलयुगी कंस मामा ने 6 साल के मासूम भांजे की ब्लेड से काट दी गर्दन ! हुई मौत परिजनों में कोहराम
Banda News In Hindi: बेटे की बारात लेकर जिस गाड़ी से गया पिता ! विदाई के दौरान वही कार बनी पिता के लिए काल, दर्दनाक मौत
Bijnor News Today: घर से बारात निकलने से ठीक पहले दूल्हे की हार्ट अटैक से मौत ! परिजनों में मचा कोहराम, हाथों में मेहंदी सजाए दुल्हन करती रह गयी इंतज़ार

Follow Us