Kartik Ka Mahtwa:शुरू हो गया है पवित्र कार्तिक महीना जानें इसका महत्व औऱ कार्तिक स्नान की विधि
कार्तिक का पवित्र महीना 21 अक्टूबर से शुरू हो गया है.हिन्दू धर्म में इस महीने को बहुत पवित्र बताया गया है.आइए जानते हैं इसका महत्व. Kartik Mahine ka mahtwa kartik mahina start date 2021

Kartik Mahina Ka Mahtwa:कार्तिक का महीना 21 अक्टूबर से शुरू हो गया है.इस महीने का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व बताया गया है.यह चातुर्मास का आख़री महीना होता है.इस महीने दान-पुण्य और पूजा-पाठ का खास महत्व है.कार्तिक मास को पर्वों की माला भी कहा जाता है.क्योंकि इस महीने करवा चौथ, अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, धनतेरस, दीवाली, गोवर्धन पूजा, भैयादूज और छठ पूजा जैसे महापर्व मनाए जाते हैं. Kartik Mahina 2021
स्कंद पुराण में इस महीने को लेकर कहा गया है कि, जिस प्रकार सतयुग के समान कोई युग नहीं, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं उसी प्रकार कार्तिक के समान कोई दूसरा महीना नहीं है.kartik mahina 2021
कार्तिक मास भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है.इस महीने भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद उठते हैं, इसे विष्णुमास के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि यह महीना भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को समर्पित है.इस माह में पूजन और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. Kartik Mahina Ka Mahtwa
और समस्त कष्टों का निवारण होता है.धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्ति मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से पृथ्वी पर सभी तीर्थ करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है.इस माह को मोक्ष का द्वार भी कहा जाता है.
कार्तिक मास में स्नान करने की विधि..
शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक स्नान और व्रत का संकल्प लेने वाले श्रद्धालु को सूर्योदय से पूर्व उठ जाना चाहिए.नित्यकर्म से निवृत्त होकर पवित्र नदी, तालाब या कुंड के जल में प्रवेश करना चाहिए.शरीर का आधा हिस्सा जल में डूबा रहे इस तरह खड़े होकर स्नान करना चाहिए.Kartika Mahina Snan ki vidhi
कार्तिक स्नान में गृहस्थ को काले तिल और आंवले के चूर्ण को शरीर पर मलकर स्नान करना चाहिए.सन्यासी को तुलसी के पौधे की जड़ में लगी मिट्टी को शरीर पर मलकर स्नान की प्रक्रिया पूर्ण करना चाहिए. Kartik mahina 2021
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधि विधान से भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए और तुलसी, केला, पीपल के नीचे दीपक जलाकर पूजन करना चाहिए सप्तमी , द्वितीया , नवमी , दशमी , त्रयोदशी तथा अमावस्या को तिल और आंवला मलकर स्नान का निषेध है.Kartik mahine ka mahtav
कार्तिक स्नान का संकल्प लेने वाले को इस महीने तेल नहीं लगाना चाहिए.सिर्फ नरक चतुर्दशी के दिन तेल लगाया जा सकता है.इन सभी नियमों के पालन से इस कार्तिक मास में भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है और स्वास्थ्य के साथ जीवन में अन्य फायदे भी होता है. Kartik mahina 2021