oak public school

History Of Siddhanath Temple : जानिए इस शिव मंदिर को क्यों कहा जाता है द्वितीय काशी त्रेतायुग में हुआ था निर्माण

कानपुर में एक ऐसा शिव मंदिर जिसे द्वितीय काशी कहा जाता है,पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण त्रेतायुग में हुआ था तो चलिए आपको बताते है गंगा नदी के तट पर बने सिद्धनाथ बाबा मंदिर के बारे में..

History Of Siddhanath Temple : जानिए इस शिव मंदिर को क्यों कहा जाता है द्वितीय काशी त्रेतायुग में हुआ था निर्माण
कानपुर के सिद्धनाथ मंदिर को द्वितीय काशी कहा जाता है : फोटो युगांतर प्रवाह

हाईलाइट्स

  • कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र में स्थित है बाबा सिद्धनाथ का मंदिर
  • द्वितीय काशी भी कहते है इस शिव मंदिर को मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग में इसका निर्माण हुआ था
  • मान्यता ये भी है कि राजा ययाति के समय का है सिद्धनाथ मंदिर

Kanpur Siddhnaath temple is called second kashi : मोक्षदायिनी गंगा के तट पर बने इस शिव मंदिर की अपने आप में अलग विशेषता है,राजा ययाति के समय का बना ये मंदिर कई रहस्य समेटे हुए है,कानपुर के चमड़ा उत्पाद वाले जाजमऊ क्षेत्र में बना यह बाबा सिद्धनाथ मंदिर हिंदू मुस्लिम एकता और गंगा जमुनी तहजीब को भी दर्शाता है, यहां सावन और शिवरात्रि में भक्तों का सैलाब उमड़ता है , यहां देश-विदेश से भी भक्तों का आना जाना लगा रहता है, भक्त शिवलिंग पर बेल पत्र ,दूध दही का जलाभिषेक करते है और अपने घर की सुख समृद्धि की कामना करते हैं.

खुदाई कर निकला शिवलिंग

मंदिर के इतिहास की बात की जाए तो जाजमऊ क्षेत्र में यहां राजा ययाति का किला हुआ करता था जो अब टीले में तब्दील हो चुका है, मंदिर के पुजारी मुन्नी लाल पांडे जो 1962 से इस मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं ,राजा ययाति के पास कई गाय थीं उनमें से एक गाय जिसका नाम श्यामा गौ था वो अक्सर अपना दूध झाड़ियों के पास गिरा आया करती थी चरवाहों ने जब ये बात राजा को बताई तो उसने उस जगह की खुदाई करवाई जहां से शिवलिंग निकला, जिसके बाद शिवलिंग की विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया.

100 यज्ञ पूरे होते तो आज होता काशी

Read More: Ayodhya Ram Mandir News: आस्था का सैलाब उमड़ा अयोध्या में ! आमजनता के दर्शन के लिए खुले भव्य राम मंदिर के कपाट, जानिए दर्शन का समय

ऐसा भी बताया जाता है कि राजा को स्वप्न आया था कि यहां 100 यज्ञ करवाएं जहां ब्रह्मा जी के पुत्र इस यज्ञ को करवाने आये थे, 99 यज्ञ पूरे हो चुके थे तभी एक कौए ने अपनी चोंच में दबी हुई हड्डी उस हवन कुंड में डाल दी जिससे ये यज्ञ खंडित हो गया ,और यह स्थान काशी बनने से रह गया फिर भी आज इसे सभी लोग द्वितीय काशी के रूप में जानते हैं और यह स्थान बाबा सिद्धनाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया.

Read More: Navratri Mata Dholak Bhajan Lyrics In Hindi: दुर्गा माता ढोलक वाले गीत हिंदी में लिखे हुए

 

Read More: Wrestler Khali Met Premanand Maharaj: रेसलर खली पहुंचे प्रेमानन्द महाराज के पास ! पूछे कई प्रश्न महाराज जी ने दिया ऐसे जवाब

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Fatehpur News: जब निषादराज के लिए करुणा निधान बन उठ गए सहस्त्र हांथ ! विलख रहे पिता के नेत्र से निकल रही थी अविरल धारा Fatehpur News: जब निषादराज के लिए करुणा निधान बन उठ गए सहस्त्र हांथ ! विलख रहे पिता के नेत्र से निकल रही थी अविरल धारा
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में बेटी की शादी से ठीक एक दिन पहले गृहस्थी में लगी आग...
Google Pixel 8 A Smartphone: गूगल पिक्सल लवर्स के लिए खुशखबरी ! अगले महीने फीचर्स से भरपूर, लॉन्च हो सकता है यह नया स्मार्टफोन
Upsc Vishal Dubey Success Story: हवलदार पिता का सपना पूरा कर बेटा बनेगा आईपीएस अफसर
Kanpur Accident News: फतेहपुर से कानपुर बारादेवी देवी जा रही पिकप हादसे का शिकार ! तीन लोगों की मौत, बड़ी संख्या में लोग घायल
Fatehpur IAS Success Story: फतेहपुर के दो होनहारों ने बढ़ाया जिले का मान ! क्रैक की यूपीएससी परीक्षा
Prayagraj Crime In Hindi: प्रयागराज के बंद कमरे में महिला पुरूष कांस्टेबल के शव ! पुलिस महकमे में हड़कंप, आखिर क्या हुआ
Upsc Topper Donuru Ananya Reddy Success story: यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल करने वाली डोनुरू अनन्या रेड्डी की सफलता की कहानी ! क्रिकेटर विराट कोहली से है प्रभावित

Follow Us