Vedika Death: 16 करोड़ का इंजेक्शन लगवाने के बावजूद नहीं बचाई जा सकी 11 माह की मासूम वेदिका जानें कौन सी बीमारी थी
लाखों लोगों की दुआएं औऱ 16 करोड़ का इंजेक्शन भी मासूम की जान नहीं बचा सका, बीते रविवार की रात वेदिका की मौत हो गई. Vedika Death News 16 Carores Injection
Vedika Death: दुर्लभ बीमारी से जूझ रही 11 माह की मासूम वेदिका आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई उसे अमेरिका से मंगवाकर 16 करोड़ का इंजेक्शन भी लगवाया गया था लेकिन कुछ काम नहीं आया औऱ बीते रविवार की रात उसने दम तोड़ दिया। vedika shinde News
महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवाड़ में रहने वाले सौरभ शिंदे की बेटी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी नाम की जेनेटिक बीमारी थी। माता-पिता ने लोगों द्वारा सहयोग मांगा था औऱ फिर उसी से 16 करोड़ रुपए जमा करके जोलगेन्स्मा नाम का इंजेक्शन अमेरिका से मंगवाया था। इस बीमारी का यही अंतिम इलाज माना जाता है।वेदिका को जून में यह इंजेक्शन लगा भी दिया गया था। इसके बाद पूरा परिवार बेहद खुश था। धीरे धीरे उसकी बीमारी ठीक भी हो रही थी लेकिन रविवार रात अचानक से उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ी उसे फ़िर से पुणे के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी मौत हो गई।
क्या होता स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी..
यह बीमारी शरीर में SMA-1 जीन की कमी से होती है। इससे बच्चे की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। शरीर में पानी की कमी होने लगती है। स्तनपान या दूध की एक बूंद भी सांस लेने में दिक्कत पैदा करती है। बच्चा धीरे-धीरे एक्टिविटी कम कर देता है और उसकी मौत हो जाती है। ब्रिटेन में इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या अधिक है।
इस बीमारी में इस्तेमाल होने वाला जोलगेन्स्मा इंजेक्शन अमेरिका, जर्मनी और जापान में बनता है। इंजेक्शन की सिर्फ एक डोज ही कारगार होती है। यह जीन थेरेपी का काम करता है। जीन थेरेपी मेडिकल जगत में एक बड़ी खोज है। यह लोगों के अंदर यह उम्मीद जगाती है कि एक डोज से पीढ़ियों तक पहुंचने वाली जानलेवा बीमारी ठीक की जा सकती है। यह इंजेक्शन बेहद दुर्लभ है और मूल्यवान है, इसलिए इतना महंगा है।