Please enable JavaScript to support our website by allowing ads.

कोरोना:भारत में कोरोना मरीज़ कम हैं..या भारत टेस्ट ही नहीं कर पा रहा..पढ़े पूरे आंकड़े..!

भारत में कोरोना के मरीज बढ़ तो रहे हैं,लेक़िन कोरोना प्रभावित अन्य देशों की तुलना में यह आंकड़ा बहुत कम क्यों नज़र आ रहा है..पढ़े देश के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का यह लेख..युगान्तर प्रवाह पर।

कोरोना:भारत में कोरोना मरीज़ कम हैं..या भारत टेस्ट ही नहीं कर पा रहा..पढ़े पूरे आंकड़े..!
corona virus प्रतीकात्मक फ़ोटो-गूगल

डेस्क:29 फरवरी को भारत में कोरोना संक्रमण के 3 मामले थे। 30 मार्च तक यह संख्या 1,251 हो गई। 30 मार्च को 227 नए मामले सामने आए। अभी तक 24 घंटे के भीतर इतनी संख्या कभी नहीं बढ़ी थी।

क्या भारत में कोरोना का संक्रमण कम हुआ है या भारत टेस्ट कम कर रहा है? क्यों कम टेस्ट कर रहा है? क्या भारत के पास टेस्ट किट नहीं हैं?

ये भी पढ़े-कोरोना:पिछले 24 घण्टों में सबसे अधिक मामले..अब इतनी हुई संख्या..!

संक्रमण के बारे में जानने का यही तरीका है कि टेस्ट हो जाए। जांच रिपोर्ट आ जाए।भारत ने 6 मार्च तक 3404 टेस्ट किए थे। 30 मार्च तक भारत ने 38,442 टेस्ट ही किए। यानि 24 दिनों में भी भारत एक लाख टेस्ट नहीं कर सका। सवाल उठ रहा है कि क्या भारत को इस वक्त तक पता भी है कि कोरोना किस हद तक फैल चुका है? क्या कम टेस्ट करके इसका जवाब हासिल किया जा सकता है? यह कोई जवाब नहीं है। बहाना है। इतना कम टेस्ट दुनिया को कोई भी सक्षम देश नहीं कर रहा है।

16 मार्च को भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (ICMR) के प्रमुख बलराम भार्गव ने कहा था कि भारत एक दिन में 10,000 टेस्ट कर सकता है। 24 मार्च को भार्गव ने कहा कि 12000 सैंपल टेस्ट कर सकता है। 
अगर ऐसा था तो भारत अभी तक हर रोज़ 1500 टेस्ट भी क्यों नहीं कर पाया?

क्या भारत के पास टेस्ट किट नहीं है?

28 मार्च, 29 मार्च और 30 मार्च को ICMR के वैज्ञानिक आर गंगाखेड़कर का बयान सुनिए। जो उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में कहा है।तीनों दिन गंगाखेड़कर कह रहे हैं कि भारत अपनी क्षमता का 30 प्रतिशत ही इस्तमाल कर पा रहा है। यानि तीन दिनों तक भारत की एक ही गति है। चाल है। दुनिया का हर सक्षम देश अपनी जांच की क्षमता हर दिन बढ़ा रहा है। भारत तीन दिनों से एक ही बिन्दु पर अटका है। ऐसी घोर परिस्थिति में भी अगर हम अपनी 100 फीसदी क्षमता का इस्तमाल नहीं करेंगे तो तब करेंगे। 

प्रेस कांफ्रेंस में गंगाखेड़कर ने पहली बार आंकड़ा दे दिया कि भारत के पास कितने टेस्ट किट हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास 1 लाख टेस्ट किट हैं। और अमरीका से 5 लाख टेस्ट किए आ गए हैं। 

यह आंकड़ा बता रहा है कि भारत के पास 30 मार्च तक टेस्ट किट न के बराबर थे। आटे में नून बराबर भी नहीं। यह संख्या बता रही है कि टेस्ट किट के इंतज़ाम को लेकर भारत ने आक्रामक तरीके से काम ही नहीं किया।

अब जाकर पुणे की एक कंपनी ने भारतीय मॉडल बनाया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फरवरी में ही दुनिया के 70 देशों को अपना मॉडल दे दिया था। तभी दक्षिण कोरिया ने अपनी कंपनियों को बुलाकर टेस्ट किट बनाने की रणनीति बना ली थी। भारत ने इसमें भी देरी कर दी। 

तो क्या भारत टेस्टिंग बढ़ाने जा रहा है या बचा बचा कर टेस्ट करेगा? 

इससे तो कोई लाभ नहीं। सिर्फ यही होगा कि आप जानेंगे नहीं कि कितनों को कोरोना का संक्रमण हुआ है। एक संख्या आपके सामने नहीं होगी, लेकिन बीमारी तो होगी।  

जर्मनी सप्ताह में पांच लाख टेस्ट कर रहा है और अब हर दिन एक लाख टेस्ट करने जा रहा है। 30 अप्रैल तक दो लाख टेस्ट रोज़ करेगा। जर्मनी इस वक्त हर रोज़ 70,000 टेस्ट कर रहा है। जर्मनी की लड़ाई दक्षिण कोरिया की तरह मिसाल बन गई है। वहां कोरोना की संख्या तो बढ़ रही है मगर मृत्यु दर बहुत ही कम है। खासकर स्पेन इटली, फ्रांस और ब्रिटेन के मुकाबलले।

चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था है जर्मनी। वो एक दिन 70,000 टेस्ट कर रहा है। अब एक लाख करेगा। एक सप्ताह में 5 लाख टेस्ट कर रहा है।पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था है भारत। वो एक दिन में 1500 टेस्ट भी नहीं कर पा रहा है।

क्या अमरीका ने टेस्ट करने में देरी कर ग़लती कर दी? 

टेस्ट करने में भारत और अमरीका दोनों ने एक महीने का महत्वपूर्ण वक्त गंवा दिया। जिसकी सज़ा आम लोग भुगतेंगे।भारत ने 6 मार्च को 3404 टेस्ट किए थे। अमरीका ने 1 मार्च तक 3600 टेस्ट किए थे। जबकि उसके पास 75,000 टेस्ट करने की क्षमता थी। यहां तक दोनों देश बराबर गति से चल रहे थे। 24 फरवरी को अहमदाबाद में राष्ट्रपति ट्रंप रैली के लिए आए थे। जबकि दुनिया भर में एडवाइज़री जारी हो गई थी। बड़े कार्यक्रम रद्द होने लगे थे। 

महामारी या प्राकृतिक आपदा से लड़ने में अमरीका की तैयारी का कोई जवाब नहीं। वहां हर साल चक्रवाती तूफान आते रहते हैं। नुकसान बहुत कम होता है। अमरीका के पास सिस्टम है। लेकिन लापरवाही ने उसे मुश्किल में डाल दिया है।जब टेस्टिंग को लेकर अमरीका की तीव्र आलोचना हुई और न्यूयार्क में लोग मरने लगे तब जाकर अमरीका ने टेस्टिंग की नीति बदली। 

आलोचना के दबाव में अमरीका ने टेस्टिंग की नीति बदली। पहले वह उन्हीं का सैंपल जांच रहा था जिनके लक्षण स्पष्ट थे। 30 मार्च तक भारत की भी यही नीति है। मेरे हिसाब से यह बिल्कुल ग़लत है। मजबूर होकर अमरीका को सीमित टेस्टिंग की नीति बदलनी पड़ी। 1 मार्च को जहां 3600 टेस्ट हुए थे वहीं अमरीका ने 27 मार्च तक 5,40,718 टेस्ट कर लिए। काफी देर हो गई। अमरीका में दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना के संक्रमित मरीज़ हो गए हैं। यहां लिखे जाने तक 1,64,253 केस पोज़िटिव पाए गए हैं और 3165 
लोगों की मौत हो चुकी है। (नोट- संक्रमित मरीज़ों की संख्या लगातार बदल रही है।)

(यह लेख वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार के फेसबुक पेज से लिया गया है।)

Tags:

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Related Posts

Latest News

India Pakistan War Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा ने की थी भविष्यवाणी ! क्या भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव 2025 के महायुद्ध की ओर इशारा है? India Pakistan War Baba Vanga Prediction: बाबा वेंगा ने की थी भविष्यवाणी ! क्या भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव 2025 के महायुद्ध की ओर इशारा है?
भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद तनाव बढ़ गया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार दोनों देशों की...
Aaj Ka Rashifal 9 May 2025: आज इन राशियों की किस्मत देगी साथ, लेकिन बहस और खर्चों से बचें-Today Horoscope In Hindi 
Fatehpur Accident News: फतेहपुर में सड़क पर बिखरी इंसानियत ! मौरंग से लदे ट्रक ने आइसक्रीम वाले को 30 मीटर तक घसीटा, दर्दनाक मौत
Mock Drill In UP: सायरन बजते ही अंधेरे में डूबा शहर और सीओ जमीन पर लेट गए ! फतेहपुर में मॉकड्रिल ने रचा युद्ध का मंजर
Fatehpur IPS Anoop Singh: फतेहपुर को मिला सख्त पुलिस कप्तान ! अनूप सिंह के तेवर देख कांपे मातहत, क्या राजनीतिक दबाव बनेगा रुकावट?
Who is Sofia Qureshi: कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी? 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान की पोल खोलने वाली भारतीय सेना की शेरनी
Operation Sindoor Kya Hai: क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’? पहलगाम हमले का लिया बदला, भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर दागी मिसाइलें

Follow Us