51 Shakti Peeth
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Read More... Harisiddhi Mata Shaktipith: उज्जैन नगरी में सिद्ध शक्तिपीठ हरिसिद्घि माता के करें दर्शन, यहाँ माता के हाथ की गिरी थी कोहनी
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By Vishwa Deepak Awasthi
Harisiddhi Mata Shaktipith: उज्जैन नगरी महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की वजह से प्रसिद्ध है, यहां 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ यहां पर भी है. जिसे हरसिद्धि माता मन्दिर शक्तिपीठ कहते हैं. देवी सती के जब शरीर के अंग जगह-जगह गिरे तो वह शक्तिपीठ बन गया. यहां माता के हाथ की कोहनी गिरी थी. राजा विक्रमादित्य भी इन्ही देवी के उपासक थे. नवरात्रि के दिनों में माँ के दर्शन करना फलदायी है. यहां माता हरि श्रीयंत्र पर विराजमान हैं. माता के सच्चे मन से पूजन से हर प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है. Kangda Bajreshwari Shaktipeeth: 'बज्रेश्वरी देवी' शक्तिपीठ के दर्शन का जानिए पौराणिक महत्व
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By Vishal Shukla
Kangda Bajreshwari Shaktipeeth: हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है. यहां देवी माता के कई शक्तिपीठ हैं. माता सती के मृत देह के अंग जिस स्थान पर गिरे वह शक्तिपीठ बन गया. कांगड़ा जिले के नगरकोट धाम में बज्रेश्वरी देवी शक्तिपीठ है. यहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था. इस शक्तिपीठ में मां तीन पिंडियों के रूप में हैं. बज्रेश्वरी के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सारे दुख अपने आप दूर हो जाते हैं. Naina Devi Shaktipeeth: ऊंची पहाड़ियों में माँ 'नैना देवी' का सिद्ध दरबार! यहां गिरे थे माता सती के नेत्र
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By Vishal Shukla
Naina Devi Shaktipeeth: शारदीय नवरात्रि के पावन 9 दिनों का पर्व चल रहा है. माता के जयकारों के साथ देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में माता का भव्य दरबार है. जो शक्तिपीठ के रूप में स्थापित है. यहां माता सती के नेत्र गिरे थे. तबसे यह शक्तिपीठ नैना देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है. भक्तों की माँ पर गहरी और अटूट आस्था है. यहां दर्शन मात्र से ही रोग व आंखों सम्बन्धित बीमारियां दूर हो जाती हैं. Mahalaxmi Mandir Kolhapur: जानिए कोल्हापुर के इस सिद्ध शक्तिपीठ का पौराणिक महत्व ! असुर के नाम से पड़ा था स्थान का नाम
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By Vishal Shukla
Ambabai Temple Kolhapur: माँ दुर्गा के कई स्वरूप वाले मन्दिर देश व विदेशों में भी हैं, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भी एक शक्तिपीठ है, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ कोल्हापुर में भी हैं, यहां देवी सती के त्रिनेत्र गिरे थे तबसे यह शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. इस मंदिर को महालक्ष्मी या अंबाबाई मन्दिर कहा जाता है. Kalighat Kali Temple: 51 शक्तिपीठों में से एक कोलकाता में कालीघाट काली मंदिर सिद्ध शक्तिपीठ, जानिए पौराणिक महत्व
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By Vishal Shukla
History of Kali Shakti Peeth: शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो चुके हैं हिंदू धर्म में नवरात्रि के 9 दिनों का विशेष महत्व है, मां दुर्गा के यह 9 दिन विशेष आस्था, भक्ति और साधना के दिन है. कोलकाता स्थित कालीघाट काली मंदिर के दर्शन की विशेष मान्यता है,यह देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, नवरात्रि के दिनों में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. यहां देवी काली की प्रचंड रूप की प्रतिमा स्थापित है.यहाँ माता सती के दाई पैर की उंगलियां गिरी थी. तबसे यह शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है. 