फतेहपुर:छलका सचान का दर्द कहा-जनता के आग्रह पर लड़ रहा हूँ कांग्रेस के टिकट पर चुनाव!
कभी मुलायम सिंह के बेहद क़रीबी रहे सपा के पूर्व क़द्दावर नेता व वर्तमान में फतेहपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्यासी राकेश सचान का दर्द आज छलक पड़ा..पढ़े युगान्तर प्रवाह की यह रिपोर्ट।
फ़तेहपुर: चेहरे पर किसी से न कह पाने वाले दर्द औऱ आंखों में छाई उदासी ने कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व सांसद राकेश सचान का सारा हाल बयां कर दिया। सपा से टिकट न मिलने की टीस सचान के चेहरे पर मंगलवार को उनके द्वारा बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में साफ़ तौर पर देखी गई।
युगान्तर प्रवाह से बातचीत के दौरान पूर्व सांसद का दर्द छलक पड़ा उन्होंने कहा कि नेता जी(मुलायम सिंह यादव) हमारे सर्वमान्य नेता रहें हैं वो नहीं चाहते थे कि सपा व बसपा का गठबंधन हो पर उनकी भावनाओं को दरकिनार करते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बसपा के साथ गठबंधन कर लिया।
सचान ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को ये गठबंधन क़तई बर्दाश्त नहीं था पर किन मज़बूरियों में सपा ने बसपा से हाँथ मिलाया इसका जवाब तो अखिलेश यादव ही दे सकतें हैं। सपा से टिकट कटने के बारे में बोलते हुए सचान ने कहा कि मैंने साल 2009 के चुनाव में भारी जीत दर्ज कर सपा को यह सीट दिलाई थी उसके बाद 2014 के चुनाव में मैं हार गया बावजूद इसके फतेहपुर की जनता के साथ मेरा जुड़ाव पूरे पांच साल बना रहा जिसको देखते हुए सपा ने दो साल पहले ही मुझे फतेहपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया था पर चुनाव से ठीक पहले हुए गठबंधन से सीट बसपा के खाते में चली गई पर सपा के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष को साफ़ तौर पर कहा कि यह सीट सपा के खाते में ही रहने दीजिए क्योंकि राकेश सचान के अलावा कोई भी दावेदार जीत हासिल नहीं कर सकता है पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्थानीय कार्यकर्ताओ की एक भी बात न सुनी और मेरा टिकट काट दिया।
कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि यहाँ की जनता व सपा के कार्यकर्ताओं के कहने पर मैं चुनाव लड़ रहा हूँ क्योंकि जनता ये चाह रही थी कि मैं चुनाव लड़ूं चाहे जिस पार्टी से टिकट मिले। सचान ने कहा कि बस इसी के चलते मैं कांग्रेस में शामिल हुआ क्योंकि कांग्रेस सेकुलर दल के साथ साथ सबको लेकर चलने वाली पार्टी है।
स्थानीय कांग्रेसी नेताओं की दूरी सचान की सबसे बड़ी चिंता..
सपा से टिकट कट जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए राकेश सचान को पार्टी ने लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया जिससे जिले के कई कांग्रेसी नेता ख़ासा नाराज हो गए औऱ वह सचान के चुनावी कैम्पेन से पूरी तरह दूरी बनाए हुए हैं।जिसके चलते सचान की चिंताएं बढ़ना लाज़मी हैं।
दूसरी ओर सचान को यह उम्मीद है कि उनके साथ सपा में रहे सपाई उनके चेहरे पर कांग्रेस को वोट करेंगे पर स्थानीय सपा कार्यकर्ता भी गठबंधन और राकेश सचान दो में से किसी को चुनने को लेकर ख़ासा कन्फ्यूज़ हैं।