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प्रतापगढ़ में पत्रकार की मौत: दो दिन पहले जताई थी हत्या की आशंका एडीजी को लिखा था पत्र सड़क किनारे मिला शव

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यूपी के प्रतापगढ़ ज़िले में एक टीवी चैनल के पत्रकार का शव देर रात सड़क किनारे मिलने से हड़कंप मचा हुआ है।पुलिस हादसा बता रही है जबकि परिजन हत्या किए जाने की बात कह रहे हैं. Journlist Murder in Pratapgarh UP

प्रतापगढ़ में पत्रकार की मौत:शराब माफियाओं से जान का खतरा बता सुरक्षा के लिए एडीजी को दो दिन पूर्व पत्र लिखने वाले टीवी चैनल के पत्रकार का शव रविवार देर रात सड़क किनारे मिलने से हड़कम्प मच गया है।मामला प्रतापगढ़ ज़िले का है।एक टीवी चैनल में बतौर जिला संवाददाता के रूप में काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव का शव रविवार देर रात शहर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर के पास सड़क किनारे मिला है।Journalist murder in Pratapgarh

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पुलिस ने हादसा बताया..

परिवार वाले हत्या की आशंका जता रहें हैं वही पुलिस इसे हादसा बता रही है।अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी सुरेंद्र द्विवेदी का कहना है कि घटनास्थल पर जांच में पता चला है कि सुलभ बाइक से आ रहे थे उसी दौरान उनकी बाइक सड़क पर खंभे और हैंडपंप से टकरा गई थी।ईंट भट्ठा के मजदूरों ने उन्हें सड़क के किनारे करने के बाद उनके मोबाइल फोन के जरिए ही फोन से घरवालों को खबर दी थी।प्रथम दृष्टया यह सड़क हादसा लग रहा है लेकिन घटना के हर पहलू की जांच हो रही है। Pratapgarh Me patrkar ki maut

हत्या की आशंका क्यों..

दरअसल पत्रकार की मौत पर हत्या की आशंका क्यों जताई जा रही है इसके पीछे ठोस कारण सामने आया है।मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव ने दो दिन पहले यानी 12 जून को एडीजी जोन प्रयागराज को पत्र लिखकर जान माल की सुरक्षा की मांग की थी।उन्होंने पत्र में बताया था कि अवैध शराब तस्करों के खिलाफ़ अपने चैनल पर 9 जून को एक खबर प्रकाशित की थी जिसके बाद ख़बर को लेकर कई तरह की चर्चाएं होने लगी थीं।कुछ लोगों द्वारा बताया भी गया था कि ख़बर को लेकर शराब माफ़िया नाराज हो गए हैं।Journalist sulabh shreevastva murder news

उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि ख़बर प्रकशित होने के बाद उनका पीछा किया जा रहा है।ऐसा लग रहा है जैसे कोई हर समय मेरे ऊपर निगाह लगाए हुए है।जिसके चलते मेरा परिवार डरा सहमा हुआ है।इस लिए मामले की जांच कराकर मेरे व मेरे परिवार की जान माल की सुरक्षा की जाए।

योगी सरकार की आलोचना..

पत्रकार की मौत के बाद योगी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है।पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं।विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया है।प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि-"शराब माफिया अलीगढ़ से प्रतापगढ़ तक:पूरे प्रदेश में मौत का तांडव करें।उप्र सरकार चुप।पत्रकार सच्चाई उजागर करे, प्रशासन को खतरे के प्रति आगाह करे।सरकार सोई है।क्या जंगलराज को पालने-पोषने वाली उप्र सरकार के पास पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव जी के परिजनों के आंसुओं का कोई जवाब है?"

आप सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा है कि- "ABP न्यूज़ के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की निर्मम हत्या।शराब माफियाओं के ख़िलाफ़ खबर चलाने के कारण यू पी में एक पत्रकार की हत्त्या हो जाती है जबकि एक दिन पहले सुलभ जी ने ADG को पत्र लिखकर हत्त्या की आशंका जताई थी लेकिन सब सोते रहे।"


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