Papankusha Ekadashi Vrat Katha In Hindi:पापाकुंशा एकादशी व्रत कथा पढ़ें हिंदी में
अश्वनि मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापाकुंशा एकादशी कहते हैं.इस व्रत को करने से मनुष्यों के सारे पापों का विनाश हो जाता है. Papankusha Ekadashi Vrat Katha In Hindi
Papankusha Ekadashi Vrat Katha In Hindi:पापाकुंशा एकादशी व्रत अश्वनि मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है.इस साल यह व्रत 16 अक्टूबर दिन शनिवार को किया जा रहा है.हिन्दू मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु का व्रत पूजन करने से मनुष्यों के जन्म जन्म के पापों का छय हो जाता है.इस दिन भगवान विष्णु की घर पर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए.पूजा के समय पापाकुंशा एकादशी व्रत कथा पढ़नी चाहिए. Papankusha Ekadashi Vrat
पापाकुंशा एकादशी व्रत कथा.. Papankusha Ekadashi Vrat Katha
बहुत साल पहले एक क्रोधन नाम का खतरनाक बहेलिया होता था.उसने अपनी जिंदगी में कई पाप किये, झगड़ा, लूट, झूठ सब किया.एक दिन यमराज ने दूतों को भेज कर क्रोधन के प्राण लाने के लिये कहा.दूत आए और क्रोधन को कहा कि तेरे पास आज की रात है और कल हम तुझे ले जाएंगे.डर के मारे कांपता हुआ क्रोधन महर्षि अंगिरा के पास जा पहुंचा.क्रोधन ने बहुत विनती कि तो महर्षि ने कहा कि कल आने वाली आश्विन शुक्ल एकादशी का व्रत करो। क्रोधन ने वैसा ही किया.पापांकुशा व्रत करने से उसके पाप मिट गए और वो विष्णु लोक को पा गया. Papankusha Ekadashi Vrat Katha