
भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS Vikrant 20 हज़ार करोड़ की लागत से तैयार इस विमानवाहक पोत की क्या है विशेषताएं
भारतीय नौसेना (indian navy) में शुक्रवार को भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत शामिल हो गया.प्रधानमंत्री मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस स्वदेशी अत्याधुनिक स्वचालित यंत्रों से युक्त विमान वाहक पोत का जलावतरण किया.

INS Vikrant Joins Indian Navy:भारत के लिए आज 2 सितंबर शुक्रवार का दिन बेहद गौरवपूर्ण है.भारतीय नौसेना में आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) शामिल हो गया.प्रधानमंत्री मोदी ने कोचीन शिपयार्ड में इस विमान वाहक पोत का जलावतरण किया.
साथ ही पोत के जवावतरण के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने नए नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया जो कि औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप है.
आईएएनएस विक्रांत की विशेषताएं..
INS विक्रांत पर 30 विमानों का समूह रह सकता है.मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर्स, एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स और हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं.समुद्र में दुश्मनों को पटखनी देने के लिए इस कैरियर पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकेगी. यह एक मिडियम रेंज मिसाइल है, जिसे सबमरीन, जहाज, कैरियर या धरती से भी लॉन्च किया जा सकता है. INS Vikrant News
बता दें कि जहाज निर्माण का पहला चरण अगस्त 2013 में जहाज के सफल प्रक्षेपण के साथ पूरा हुआ. 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा आईएनएस विक्रांत 18 समुद्री मील से लेकर 7500 समुद्री मील की दूरी तय कर सकता है.
जहाज में लगभग 2,200 कक्ष हैं, जिन्हें चालक दल के लगभग 1,600 सदस्यों के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें महिला अधिकारियों और नाविकों को समायोजित करने के लिए विशेष केबिन शामिल हैं. मशीनरी संचालन, जहाज नौवहन और उत्तरजीविता के लिए बहुत उच्च स्तर के स्वचालन के साथ डिजाइन किया गया यह विमानवाहक, अत्याधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से लैस है.
