परमपूज्य प्रसिद्ध रामकथा वाचक राजेश्वरानंद जी (Rajeshwranand ji) की राम कथाएँ (Ram Katha) देश ही नहीं विदेशों तक प्रसिद्ध हैं. उनकी रामकथाएं सुनाने का तरीका व भजन का रसपान कर लोग आनंदित हो जाया करते थे. हालांकि ये मधुर आवाज अब हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी कथाएं आज भी लोगों के जीवन में प्रेरणा का काम करती है. पूज्य मुरारी बापू इन्हें अपना भाई जैसा ही मानते थे.