Mumps Disease Outbreak News: बच्चों में पाई जाने वाली ये बीमारी है बेहद खतरनाक ! समय रहते नहीं करवाया इलाज तो बढ़ सकती है मुश्किलें
देश भर में मम्प्स बीमारी (Mumps Disease) के कई केस सामने आए हैं. यह इस तरह की वायरस वाली बीमारी है जो एक दूसरे से बड़े ही आसानी से फैलती (Spread) है. ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए लक्षण (Symptoms) और इलाज (Treatment) को जानना बहुत जरूरी है. आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में पाई जाती है, लेकिन सभी के मन में ये सवाल उठ रहा है क्या यह बीमारी बच्चों से बड़ों और बुजुर्गों में भी फैल सकती है आईए जानते हैं इस बीमारी का इलाज और रोकथाम कैसे करें..
तेजी से बढ़ रहे मम्प्स बीमारी के मामले
बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने इस बीमारी का अभी तक नाम भी नहीं सुना था, लेकिन बीते कई समय से इस बीमारी से जुड़े कई मरीज देखने को मिले हैं मम्प्स एक तरह की वायरस (Mumps Virus) वाली बीमारी है जिसे गलसुआ (Galsua) भी कहा जाता है आमतौर पर इसका शिकार 5 से 6 साल तक के बच्चे होते हैं इस बीमारी की शुरुआत में बच्चों को तेज बुखार आता है जिसमें अधिकांश मामलों में बच्चों को होस्पिटलाइज तक कराना पड़ता है. यह बीमारी पैरामायोक्सो वायरस के कारण होती है.
ये वायरस पैरोटिड ग्लैंड पर अटैक करता है जब मानव शरीर में पैरामायोक्सो वायरस का प्रवेश होता है तो चहरे और गालों में सूजन आ जाती है जिस वजह से चेहरा सामान्य से ज्यादा फूला हुआ दिखायी देने लगता है जिसका असर कानो तक पहुँच जाता है और अधिकांश केसो में सुनाई तक कम देने लगता है सबसे बड़ी और अहम जानकारी बीमार व्यक्ति के छींकने और खांसने से दुसरो में बहुत ही तेजी से फैलता है.
मम्प्स बीमारी के लक्षण
जिस किसी को भी मम्प्स की बीमारी हो तो इसे नजरअंदाज नही करना चाहिए, नही तो ये शरीर के बाकी हिस्सों में भी अपना असर दिखाने लगता है जिससे कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती है बात करें यदि इस बीमारी के लक्षणों की तो सबसे पहले शरीर का तापमान बहुत ही तेजी से बढ़ने लगता है जिसके फलस्वरूप शरीर में दर्द, वीकनेस, चेहरे पर सूजन, सर में दर्द और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई देते है ये सभी लक्षण 15 से 16 दिनों में दिखाई देने लगते है यदि समय रहते इसका इलाज नही करवाया तो इसका परिणाम काफी घातक हो सकता है.
क्या वयस्क और बुजुर्ग हो सकते है शिकार?
एक रिसर्च के मुताबिक मम्प्स बीमारी से जुड़े मामले बच्चों के ही आते है लेकिन दुर्भाग्य से अब इस बीमारी से जुड़े काफी मामले देखे जा रहे है. कोरोना काल के दौरान इस बीमारी से रोकथाम के टीको की कमी हो गयी थी. इसलिए अब बच्चों में एक बार फिर से इन केसों में बढ़ोतरी देखी जा रही है हालांकि अभी तक इसका असर वयस्को और बुजुर्गों में नही देखा गया है लेकिन फिर भी ऐसे मरीजों से दूरी बनाना बेहद आवश्यक है ऐसे में इसका इलाज यही है कि, मम्प्स से संक्रमित मरीज को कम से कम 7 दिनों से आइसुलेट रखे साथ ही बार-बार चेहरे को न छुए इसके साथ ही मम्प्स के लक्षण दिखने पर इलाज के साथ साथ टीका आवश्य लगवाए.