रामपुर:आज़म खान सहित तीन पर दर्ज हुआ मुकदमा..इस बार लम्बा फंसे खान.!
रामपुर के नवनिर्वाचित सांसद व सपा के कद्दावर नेता आजम खान व दो और लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया..पढ़े पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर।
रामपुर: जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह के ज़िले में आ जाने के बाद से लगातार आज़म खान की मुश्किलें बढ़ती जा रहीं। आज़म भी अपने ऊपर हो रही लगातार इन कार्यवाहियों के लिए सत्ता पक्ष की चाल मानते हैं और वह इसी के चलते कई बार सार्वजनिक मंचो व प्रेस वार्ताओं के जरिए जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह के ऊपर कई गम्भीर आरोप लगा चुके हैं।
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शनिवार को आजम के लिए एक और बुरी ख़बर आई है।मिली जानकारी के अनुसार नदी की जमीन पर कब्जा करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर और रामपुर के नवनिर्वाचित सांसद आजम खान फंस गए हैं। नायब तहसीलदार की तहरीर पर आजम खां, जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा प्रभारी आले हसन खान के खिलाफ अजीम नगर थाने में सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3/4 और आईपीसी की धारा 332 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू करा दी गई है।
क्या है पूरा मामला जिसकी वज़ह से दर्ज हुआ मुकदमा.?
शनिवार को जब आज़म खान सहित यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और सुरक्षा प्रभारी पर नायाब तहसीलदार द्वारा अवैध कब्ज़े को लेकर जो मुकदमा दर्ज कराया गया है। दरअसल मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में आजम खां ने शासन को नौ नवंबर 2013 को एक प्रार्थना पत्र दिया था। इस आवेदन पर शासन के निर्देश पर एक राजस्व टीम का गठन कर जमीन की पैमाइश के लिए जौहर यूनिवर्सिटी में भेजा गया था। राजस्व विभाग की टीम 25 मई जौहर यूनिवर्सिटी में जमीन की पैमाइश करने पहुंची थी। नायब तहसीलदार का आरोप है कि जमीन की पैमाइश करने पहुंची टीम को विरोध का सामना करना पड़ा था।
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हालांकि, बाद में राजस्व विभाग की टीम ने पैमाइश पूरी कर ली थी और एसडीएम सदर ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट में यह कहा गया था कि आजम खां ने शासन से जो जमीन मांगी थी वह पहले से उनके कब्जे में है और उस पर आठ फीट ऊंची चहारदीवारी खड़ी कर ली गई है, जबकि यह जमीन राजस्व विभाग के नक्शे में जलमग्न जमीन नदी अंकित है, जो सार्वजनिक उपयोग की जमीन है। नायब तहसीलदार ने आरोप लगाया है कि इस जमीन पर जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खां, रजिस्ट्रार आरए कुरैशी और जौहर यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी आले हसन ने चहारदीवारी बनाकर अवैध कब्जा कर लिया है।
पैमाइश के दौरान ही यह सामने आया कि नदी की जमीन पहले से ही यूनिवर्सिटी की चहारदीवारी के भीतर है। अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप इस जमीन का विनिमय नहीं किया जा सकता। ऐसे में जमीन को गलत तरीके से कब्जे में ले लिया है। नायब तहसीदार केजी मिश्रा ने सांसद आजम खां, यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार आरए कुरैशी एवं विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी आले हसन खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी है। यह मुकदमा लोक संपत्ति अधिनियम और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में दर्ज कराया गया है। वहीं एसपी शिवहरि मीना का कहना है कि नायब तहसीलदार की तहरीर पर आजम खां, जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और सुरक्षा अधिकारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।