फ़तेहपुर:दो बहनों की मौत का मामला-देर शाम दफ़ना दिए गए दोनों शव..आँख में लगी चोंटों का सच क्या है.!
अशोथर थाना क्षेत्र के छिछनी गाँव में सोमवार की रात एक तालाब से दो सगी नाबालिग दलित बहनों के शव बरामद हुए थे।मंगलवार दोपहर बाद शव पोस्टमार्टम के बाद गाँव पहुँचे..देर शाम दोनों शवों को परिजनों ने पुलिस की मौजूदगी में दफ़ना कर अन्तिम संस्कार कर दिया..पढ़ें पूरी खबर युगान्तर प्रवाह पर..
फतेहपुर:अशोथर थाना क्षेत्र के छिछनी गांव में सोमवार की रात तालाब से बरामद हुए दो नाबालिग दलित बहनों के शवों का मंगलवार रात क़रीब सात बजे पुलिस की मौजूदगी में गांव किनारे ही दफनाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।Fatehpur news
पूरा घटनाक्रम..
सोमवार की दोपहर दोनों बहनें चना का साग तोड़ने के लिए घर से निकलती है।देर शाम तक वापस न लौटने पर परिजनो ने खोजना शुरू किया।रात क़रीब आठ बजे गोपालपुर टीसी मार्ग किनारे एक खेत के बीचों बीच बने तालाब नुमा गढ्ढे में दोनों के शव ग्रामीणों ने देखे जिसके बाद पुलिस को सूचना दी।छोटी बहन के शव की एक आंख पर चोट के निशान थे औऱ उससे खून भी निकल रहा था।Fatehpur ashothar news
परिजनों ने रेप के बाद हत्या की आशंका ज़ाहिर करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।जिसके बाद एसपी के निर्देश पर डॉक्टरों का पैनल गठित कर पोस्टमार्टम कराए जाने का आदेश दिया गया।
मंगलवार की दोपहर आईजी प्रयागराज कवींद्र प्रताप सिंह घटना स्थल पर पहुँचे।आईजी ने देर शाम बयान जारी करते हुए बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की पुष्टि डूबने से हुई है।आंख में चोट मौत के बाद लगी है।उन्होंने यह भी बताया प्राइवेट पार्ट में न तो किसी तरह के चोट के निशान हैं और न ही रेप की पुष्टि हुई है।
आँख में चोट कैसी लगी..
परिजनों के बयान के बाद ऐसी खबरें तेज़ी से वायरल हुई कि बच्चियों की रेप के बाद बेरहमी से हत्या की गई है।औऱ आंख फोड़ डाली गई है।लेकिन पुलिस इन आरोपों को शुरू से ही खारिज कर रही थी।जिस तालाब में बच्चियों के शव डूबे हुए मिले हैं वह तालाब मुख्य सड़क के किनारे कुछ दूरी पर एक खेत के बीचों बीच बना हुआ है।ग्रामीणों ने बताया कि खेत मालिक ने कुछ साल पहले ही करीब दस बिस्वा खेत की मिट्टी दस से बारह फिट तक निकलवाकर खेत को तालाब की शक्ल दी थी।Fatehpur two sisters death news
फ़िलहाल तालाब में सिंघाड़ा लगा हुआ है।और चारो ओर नुकीले काँटे दार बबलू की टहनियां रखी हुई हैं।कुछ ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जिसका तालाब है उसने सिंघाडों को चोरी से बचाने के लिए तालाब के किनारों में कांटे दार टहनियां रखने के साथ साथ पानी के अंदर भी उसी तरह की काँटे डार टहनियां डाली हुईं हैं।जिसके बाद इस संभावना को बल मिल जाता है कि बच्ची के आंख में लगी चोट का कारण वही कांटेदार टहनियां हैं।