ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
                             <% catList.forEach(function(cat){ %>                                 <%= cat.label %>                              <% }); %>                                                         
                                                 <%- node_title %>
Published On 
                             By <%= createdBy.user_fullname %>
                         <%- node_title %>
Published On 
                                                         By <%= createdBy.user_fullname %>
                         <% if(node_description!==false) { %>                                                                                  <%= node_description %>                         
                         <% } %>                                                  <% catList.forEach(function(cat){ %>                             <%= cat.label %>                          <% }); %>                         
                                                 Read More...                                             Omkareshwar Mamleshwar Jyotirlinga : सावन स्पेशल-गर्भगृह में शिव जी और पार्वती माता शयन से पूर्व खेलते हैं चौसर,जानिए ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व
Published On 
                         By Vishal Shukla
                      Omkareshwar Mamleshwar Jyotirlinga : हर-हर महादेव का उद्घोष पवित्र श्रावण मास में गूंज रहा है.हर कोई शिव शम्भू के रंग में रमा हुआ है.देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जो  एमपी के खंडवा जिले में चतुर्थ ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है.यहां ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर दो स्वरूपों में मौजूद है एक ओंकारेश्वर तो दूसरा ममलेश्वर दोनों एक ही स्वरूप माने जाते हैं ,भक्तों को ओंकारेश्वर के बाद ममलेश्वर के दर्शन अवश्य करने चाहिए तभी यहां के दर्शन पूर्ण माने जाते हैं.
                         Omkareshwar Mamleshwar Jyotirlinga : हर-हर महादेव का उद्घोष पवित्र श्रावण मास में गूंज रहा है.हर कोई शिव शम्भू के रंग में रमा हुआ है.देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जो  एमपी के खंडवा जिले में चतुर्थ ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है.यहां ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के तट पर दो स्वरूपों में मौजूद है एक ओंकारेश्वर तो दूसरा ममलेश्वर दोनों एक ही स्वरूप माने जाते हैं ,भक्तों को ओंकारेश्वर के बाद ममलेश्वर के दर्शन अवश्य करने चाहिए तभी यहां के दर्शन पूर्ण माने जाते हैं.                    
 
                     