सदन में विधायकों और सांसदों को भाषण या वोट के लिए लुभाने के लिए अब 'वोट के बदले नोट' मामले (Vote For Bribe Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. 1998 में नरसिम्हा राव (Narsimha Rao) के फैसले को आज सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है. यानी अब इस तरह के मामले में विधायकों, सांसदों को कानूनी छूट नहीं दी जाएगी. सदन में भाषण या वोट पैसे लेकर कोई देता है तो उनके खिलाफ केस भी चलाया जाएगा. कोर्ट ने इसे रिश्वतखोरी और लोकतंत्र का खतरा बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है.