Mauni Amavasya Ka Mahtav:मौनी अमावस्या क्यों है इतनी महत्वपूर्ण जान लें इससे जुड़ा पौराणिक कनेक्शन
आज एक फ़रवरी को मौनी अमावस्या है. माघ माह की इस अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. क्यों है इस अमावस्या का इतना महत्व आइए जानते हैं. Mauni Amavasya 2022 Ka Mahtav maghi amavasya
Mauni Amavasya 2022:इस साल मौनी अमावस्या एक फ़रवरी को है.माघ मास की इस अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.
इस अमावस्या का हिन्दू सनातन धर्म में बड़ा महत्व है.इस अमावस्या के दिन देवतागण प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते हैं.वहीं मौनी अमावस्या के दिन पितृगण पितृलोक से संगम में स्नान करने आते हैं और इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है.मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन मौन रखकर गंगा स्नान का विशेष महत्व है. Mauni Amavasya ka mahatva
प्रयागराज संगम में लगने वाले कुंभ में मौनी अमावस्या सबसे महत्वपूर्ण स्नान दिवस में से एक है, और इसे अमृत योग के दिन और कुंभ पर्व के दिन के रूप में जाना जाता है.मान्यता है कि इसी दिन जैन संप्रदाय के प्रथम तीर्थंकार ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था.
मौनी अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म भी किए जाते हैं. इससे पितर खुश होते हैं. संतान को सुखी जीवन का आशीष देते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.