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Hanuman Jayanti 2024 Kab Hai: हनुमान जयंती कब हैं? इस बार बन रहा है अद्भुद संयोग, जानिए राम नवमी से क्या है संबंध

Hanuman Jayanti 2024 Kab Hai: हनुमान जयंती कब हैं? इस बार बन रहा है अद्भुद संयोग, जानिए राम नवमी से क्या है संबंध Hanuman Jayanti 2024 Kab Hai: हनुमान जी को भगवान शिव यानी रुद्र का 11वां अवतार कहा जाता है. साल 2024 में उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस बार चित्रा नक्षत्र और वज्र योग बन रहा है जो की अद्भुद है. रामनवमी के छठवें दिन हनुमान जन्मोत्सव (Hanuman Janmotsav 2024) मनाया जाता है.
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Bhaye Pragat Kripala Din Dayala Likhit Me: रामनवमी में पढ़ें श्री राम जन्म की स्तुति 'भए प्रगट कृपाला दीनदयाला' लिखित में

Bhaye Pragat Kripala Din Dayala Likhit Me: रामनवमी में पढ़ें श्री राम जन्म की स्तुति 'भए प्रगट कृपाला दीनदयाला' लिखित में Shee Ram Janm Stuti : लोगों की आस्था का पर्व राम नवमी को हर वर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष नवमी को मनाया जाता है. तुलसीदास रचित रामचरित मानस के बालकांड में भगवान श्री रामचंद्र के जन्म की स्तुति का वर्णन किया गया है जो "भय प्रगट कृपाला दीनदयाला" के नाम से वर्णित है. पढ़ें श्री राम जन्म स्तुति लिखित में.
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Kamada Ekadashi Kab Hai 2024: कब है कामदा एकादशी ! इस व्रत को करने से 100 यज्ञों के बराबर मिलता है फल

Kamada Ekadashi Kab Hai 2024: कब है कामदा एकादशी ! इस व्रत को करने से 100 यज्ञों के बराबर मिलता है फल धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में कई व्रतों (Fast) का अलग-अलग महत्व है इन्हीं में से एक व्रत एकादशी (Ekadashi) का भी होता है. हिंदू संवत्सर (Hindu Samvatsar) की यह पहली एकादशी 19 अप्रैल 2024 को पड़ रही है इस एकादशी को कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) या फलदा एकादशी (Falda Ekadashi) कहते हैं. एकादशी का व्रत करने से जातकों पर भगवान विष्णु की कृपा होती है. चलिए आपको बताएंगे कामदा एकादशी की क्या मान्यता है और इसके पीछे का महत्व क्या है..
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Chaitra Navratri Kanya Pujan: कन्या पूजन में रखें इन बातों का रखें ध्यान ! बचें इन गलतियों को करने से

Chaitra Navratri Kanya Pujan: कन्या पूजन में रखें इन बातों का रखें ध्यान ! बचें इन गलतियों को करने से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पावन 9 दिनों का पर्व चल रहा है. अब बात आती है कन्या पूजन (Kanya pujan) की तो कन्या पूजन का महत्व महाअष्टमी (Mahaashtami) और नवमी (Navami) में करने की परंपरा चली आ रही है. कुछ लोग अष्टमी के दिन तो कुछ लोग नवमी के दिन कन्या पूजन और कन्या भोज (Kanya Bhoj) करते हैं. ध्यान रहें कन्या पूजन कर रहे हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें और इन गलतियों को करने से बचें. यदि आप इस तरह की गलतियां नहीं करते हैं माता की कृपा आप और परिवार पर बनी रहती है.
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अध्यात्म 

Chaitra Navratri 2024 Parana Time: चैत्र नवरात्रि पारण कब है? क्या है व्रत खोलने का नियम, जानिए शुभ मुहूर्त डेट

Chaitra Navratri 2024 Parana Time: चैत्र नवरात्रि पारण कब है? क्या है व्रत खोलने का नियम, जानिए शुभ मुहूर्त डेट मां दुर्गा के पूजन के लिए नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान मन और आराधना से की गई पूजा अर्चना का विशेष फल मिलता है. 9 अप्रैल से प्रारंभ हुई चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2024) का समापन 17 अप्रैल के दिन होगा और इसी तिथि को इसका पारण (Chaitra Navratri Parana Time) भी किया जायेगा. पंडित ईश्वर दीक्षित के अनुसार जाने किस समय पारण करने से संपूर्ण पूजा का फ़ल मिलेगा.
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अध्यात्म  कानपुर 

Kanpur Vaishno Devi Mandir: जम्मू-कटरा की तर्ज पर इस शहर के वैष्णो देवी मंदिर में भी दर्शन के लिए लेना पड़ता है सकरी गुफा का सहारा

Kanpur Vaishno Devi Mandir: जम्मू-कटरा की तर्ज पर इस शहर के वैष्णो देवी मंदिर में भी दर्शन के लिए लेना पड़ता है सकरी गुफा का सहारा देश भर में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है इन दिनों श्रद्धालु (Devotees) माँ के अलग अलग स्वरूपो की पूजा अर्चना करते हैं. जिनमे सबसे ज्यादा भक्त जम्मू के कटरा (Jammu-Katra) स्थित मां वैष्णव देवी के दर्शन (Visit Maan Vaishno devi) करने जाते है लेकिन बहुत से भक्त ऐसे हैं जो वहां नहीं पहुंच पाते हैं ऐसे में भक्त कानपुर (Kanpur) के दक्षिण जोन स्थित दामोदर नगर (Damodar Nagar) में कटरा (Katra) की तर्ज पर गुफा (Cave) भी बनाई गई है जिससे होते हुए श्रद्धालु पिंडी रूपी मां के दर्शन प्राप्त कर सकते हैं.
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उत्तर-प्रदेश  अध्यात्म 

Mirzapur Vindhyavasini Temple: क्या है मां विंध्यवासिनी मंदिर और अष्टभुजा कालीखोह मन्दिर का इतिहास ! जानिए पौराणिक मान्यताओं के पीछे की कहानी

Mirzapur Vindhyavasini Temple: क्या है मां विंध्यवासिनी मंदिर और अष्टभुजा कालीखोह मन्दिर का इतिहास ! जानिए पौराणिक मान्यताओं के पीछे की कहानी यूं तो भारत में कई देवी मां के मंदिर बने हुए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) स्थित मां विंध्यवासिनी (Vindhyavasini Devi) का चमत्कारी मंदिर शक्तिपीठ (Shaktipith) के रूप में स्थापित है. नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में खासतौर पर भक्तों की भीड़ (Devotees Crowd) देखी जाती है. मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं आईए जानते हैं पहाड़ी श्रृंखला के मध्य पतित पावनी गंगा के कंठ पर बसे हुए मंदिर के इतिहास और प्राचीन कथाओं के बारे में विस्तार से.
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अध्यात्म 

Chaitra Navratri Par Laung Ke Totke: चैत्र नवरात्रि पर आजमाएं लौंग के टोटके व उपाय ! बन जाएंगे बिगड़े और रुके काम

Chaitra Navratri Par Laung Ke Totke: चैत्र नवरात्रि पर आजमाएं लौंग के टोटके व उपाय ! बन जाएंगे बिगड़े और रुके काम चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पावन पर्व पर कुछ टोटके और उपाय (Totke And Upay) भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपका भाग्य (Luck) चमक सकता है और आपके रुके हुए काम फिर से शुरू हो सकते हैं माता के 9 दिनों के इस खास मौके पर पर लौंग (Cloves) के टोटके व उपाय बताए गए हैं जिनका किस तरह से प्रयोग करना है इस आर्टिकल के जरिए आपको बताएंगे.
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अध्यात्म  कानपुर 

Kanpur Buddha Devi Temple: कानपुर में दो सौ साल पुराना ऐसा देवी मंदिर ! जहां मिठाई की जगह हरी सब्जियों का लगता है भोग

Kanpur Buddha Devi Temple: कानपुर में दो सौ साल पुराना ऐसा देवी मंदिर ! जहां मिठाई की जगह हरी सब्जियों का लगता है भोग यूं तो कानपुर (Kanpur) में देवी मां के कई मंदिर है लेकिन शहर के हटिया (Hatia) इलाके में मां बुद्धा देवी (Buddha Devi) का मंदिर है जो बाकी मंदिरों से बिल्कुल अलग है. दरअसल इस मंदिर में फूल, फल, नारियल के अलावा मिठाई के रूप में मां को हरी सब्जियों का भोग (Offered green vegetables) लगाया जाता है आईए जानते हैं इस मंदिर की क्या है मान्यताएं और क्यों यह मंदिर बाकी मंदिरों से है अलग..
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Harisiddhi Mata Shaktipith: उज्जैन नगरी में सिद्ध शक्तिपीठ हरिसिद्घि माता के करें दर्शन, यहाँ माता के हाथ की गिरी थी कोहनी

Harisiddhi Mata Shaktipith: उज्जैन नगरी में सिद्ध शक्तिपीठ हरिसिद्घि माता के करें दर्शन, यहाँ माता के हाथ की गिरी थी कोहनी Harisiddhi Mata Shaktipith: उज्जैन नगरी महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग की वजह से प्रसिद्ध है, यहां 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ यहां पर भी है. जिसे हरसिद्धि माता मन्दिर शक्तिपीठ कहते हैं. देवी सती के जब शरीर के अंग जगह-जगह गिरे तो वह शक्तिपीठ बन गया. यहां माता के हाथ की कोहनी गिरी थी. राजा विक्रमादित्य भी इन्ही देवी के उपासक थे. नवरात्रि के दिनों में माँ के दर्शन करना फलदायी है. यहां माता हरि श्रीयंत्र पर विराजमान हैं. माता के सच्चे मन से पूजन से हर प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती है.
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अध्यात्म  कानपुर 

Kanpur Bara Devi Temple: कानपुर के बारा देवी मन्दिर की दिलचस्प है कहानी ! मां के दर पर चुनरी बांधने की है मान्यता, एक साथ 12 बहनें बन गईं थीं मूर्ति

Kanpur Bara Devi Temple: कानपुर के बारा देवी मन्दिर की दिलचस्प है कहानी ! मां के दर पर चुनरी बांधने की है मान्यता, एक साथ 12 बहनें बन गईं थीं मूर्ति चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के पावन 9 दिनों का पर्व (Festival) चल रहा है. देश भर में माता के जयकारों के साथ भक्ति प्रसिद्ध देवी मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. कानपुर (Kanpur) में भी लगभग 1700 वर्ष पुराना देवी मंदिर है, जिसका इतिहास बेहद अनूठा है यहां चुनरी बांधकर मन्नत मांगी जाती है. बड़ी दिलचस्प है इस मंदिर की कहानी..
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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान ! पड़ सकते हैं लेने के देने

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि पर इन बातों का रखें विशेष ध्यान ! पड़ सकते हैं लेने के देने चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navaratri) के पावन व्रत चल रहे हैं. नवरात्रि में मां दुर्गा (Goddess Durga) के 9 स्वरूपों की आराधना और पूजन का महत्व है. चैत्र नवरात्रि के इन दिनों में कुछ ऐसे कार्य है जिन्हें किसी को भूलकर भी करने से बचना चाहिए, यदि कोई भी ऐसा कार्य करते हैं तो आपको पूजन का लाभ (Benefit Worship) नहीं मिलता. चलिए आपको बताते हैं नवरात्रि पर किन कार्यों को करने से बचना चाहिए और कौन से कार्य करने चाहिए..
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