Mirzapur Vindhyavasini Temple: क्या है मां विंध्यवासिनी मंदिर और अष्टभुजा कालीखोह मन्दिर का इतिहास ! जानिए पौराणिक मान्यताओं के पीछे की कहानी

Vindhyavasini Temple

यूं तो भारत में कई देवी मां के मंदिर बने हुए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर (Mirzapur) स्थित मां विंध्यवासिनी (Vindhyavasini Devi) का चमत्कारी मंदिर शक्तिपीठ (Shaktipith) के रूप में स्थापित है. नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में खासतौर पर भक्तों की भीड़ (Devotees Crowd) देखी जाती है. मंदिर को लेकर श्रद्धालुओं की कई आस्थाएं भी जुड़ी हुई हैं आईए जानते हैं पहाड़ी श्रृंखला के मध्य पतित पावनी गंगा के कंठ पर बसे हुए मंदिर के इतिहास और प्राचीन कथाओं के बारे में विस्तार से.

Mirzapur Vindhyavasini Temple: क्या है मां विंध्यवासिनी मंदिर और अष्टभुजा कालीखोह मन्दिर का इतिहास ! जानिए पौराणिक मान्यताओं के पीछे की कहानी
विंध्यवासिनी माता, image credit original source

विंध्याचल में प्रसिद्ध अष्टभुजाओं वाला मन्दिर

अविरल गंगा नदी के तट पर स्थापित विंध्याचल (Vindhyachal) हिंदुस्तान का एक ऐसा प्रमुख शक्तिपीठ (Shaktipith) मंदिर है यह मंदिर वाराणसी (Varanasi) से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर है. वेदों के अनुसार इसे मां दुर्गा (Goddess Durga) का निवास स्थान भी माना जाता है.

इस मंदिर में अष्ट भुजाओं वाली देवी (Ashtbhuja Devi) मंदिर और कालीखोह मंदिर (Kalikhoh Mandir) भी है, ऐसा कहा जाता है कि महिषासुर राक्षस का अंत करने के बाद देवी ने विंध्याचल में निवास करने के लिए इसे चुना था.

वैसे तो इस मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन नवरात्रि के दिनों में भक्तों की संख्या में और भी ज्यादा इजाफा हो जाता है. मुख्य रूप से नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया जाता है.

mirjapur_vindhyachal_mandir
मिर्जापुर विंध्याचल मन्दिर, image credit original source

मां विंध्यवासिनी मंदिर 51 शक्तिपीठो में से है एक

मां विंध्यवासिनी मंदिर (Vindhyavasini Temple) 51 शक्तिपीठों में से एक है, ऐसी मान्यता है कि यहां पर स्थापित विंध्य क्षेत्र सृष्टि की शुरुआत होने से पहले और विनाश होने के बाद भी ऐसे ही बरकरार रहेगा इस मंदिर को लेकर एक मान्यता यह भी है कि राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में मां जगदंबिका ने जन्म लिया था सती के रूप में जन्मी मां जगदंबिका का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ था इसके पश्चात दक्ष द्वारा एक विशाल यज्ञ का आयोजन भी करवाया गया था.

Read More: Kanpur News In Hindi: ससुराल से प्रताड़ित बेटी को दिलवाया तलाक ! फिर ढोल व गाजे-बाजे की धुन पर ससुराल से विदा कर लाये मायके, ऐसा सिखाया बेटी के पिता ने सबक

लेकिन इस यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया गया था जिससे नाराज होकर सती ने कुंड में कूद कर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी इसके बाद नाराज महाकाल शिव तांडव करने लगे जिसे देख ब्रह्मा जी के द्वारा भगवान विष्णु से अनुरोध किए जाने के बाद सुदर्शन चक्र से माता सती के मृत शरीर के 51 टुकड़े कर दिए गए थे जिस जगह उनके शरीर का एक टुकड़ा गिरा वह एक शक्तिपीठ बन गया इन्हें शक्तिपीठों में से एक मां विंध्यवासिनी देवी का मंदिर है जो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) जानपद के विंध्याचल इलाके में स्थापित है.

Read More: Fatehpur UP News: फतेहपुर में भाजपा विधायक के खिलाफ़ धरने में बैठे ग्रामीण ! लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार

maa_vindhyavasini_devi_mandir
मां के त्रिकोण दर्शन, image credit original source
मां के दर्शन करने से होती है यश और धन की प्राप्ति

ऐसा कहा जाता है कि मां विंध्यवासिनी देवी (Vindhyavasini Devi) कालीखोह व अष्टभुजा के दर्शन करने से यश-कीर्ति व धन में इजाफा होता है विंध्य पर्वत पर स्थापित मां के स्वरूप के एक साथ दर्शन करने पर ललाट सूर्य की तरह चमकता है.

Read More: Varanasi Death In Gym: जिम करते-करते उठा सिर में तेज़ दर्द ! जमीन पर गिरते ही हो गयी 32 वर्षीय युवक की मौत, परिवार सदमे में

यही कारण है कि इस मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालु उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार, झारखंड और देश के तमाम राज्यों से हर साल लाखों की संख्या में मत्था टेकने पहुंचते हैं. एक स्टडी के मुताबिक इस मंदिर में दर्शन करने के लिए सबसे ज्यादा बिहार से श्रद्धालु आते हैं यही कारण है कि शासन की ओर से मां विंध्यवासिनी मंदिर में होने वाले मेले को राज्य स्तरीय मेला भी घोषित कर दिया गया है.

महाकाली स्वरूप की भी होती है पूजा-अर्चना

मां विंध्यवासिनी मंदिर से करीब 2 किलोमीटर दूर विंध्यवासिनी महाकाली का स्वरूप भी स्थित है कालिखोह में महाकाली स्वरूप खेचरी मुद्रा में हैं ऐसी मान्यता है कि रक्तबीज दानव को वरदान मिला था कि इसका एक बूंद खून धरती पर गिरने से लाखों दानव जन्म लेंगे.

लेकिन भगवान की लीला के चलते ब्रह्मा, विष्णु व महेश समेत अन्य देवताओं ने इस पर चिंतन करते हुए मां विंध्यवासिनी से इस दानव के प्रकोप से दुनिया को बचाने का आग्रह किया था जिसके बाद मां ने महाकाली का रूप धारण करके रक्तबीज दानव का वध किया था नवरात्रि के दिनों में यहां पर श्रद्धालु तंत्र विधाओं की सिद्धि के लिए भी मां के दरबार में आते हैं. जो भी भक्त सच्चे मन से मां के दरबार पहुँचता है, माता उसपर कृपा जरूर करती है.

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Chota Bheem Trailer Released: ढोलकपुर को दम्यान से बचाने आ रहे बड़े पर्दे पर छोटा भीम ! धांसू ट्रेलर हुआ रिलीज Chota Bheem Trailer Released: ढोलकपुर को दम्यान से बचाने आ रहे बड़े पर्दे पर छोटा भीम ! धांसू ट्रेलर हुआ रिलीज
एनीमेटेड छोटा भीम (Chota Bheem) आज भी बच्चों का फेवरेट बना हुआ है. इसी की तर्ज पर अब बड़े पर्दे...
Narendra Modi In Fatehpur: फतेहपुर में जानिए क्या है नरेंद्र मोदी का खटाखट? किस शहजादे ने बुक करा ली विदेश की टिकट
Prayagraj Crime News: ऑनलाइन गेम के जरिए दोगुना पैसा कमाने का युवक को दिया लालच ! एक ही पल में युवक ने गंवा डाले 32 लाख रुपये, कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ठगी का शिकार
Kanpur Crime In Hindi: ख़रीददारी कर घर लौट रही महिला का युवक ने रोका रास्ता ! बीच रास्ते गलत कार्य करने का किया प्रयास, महिला ने मचाया शोर
Fatehpur News: फतेहपुर में शब्दों की मर्यादा भूले अखिलेश यादव ! साध्वी ने कहा पिता की संगत का असर
Yogi Adityanath In Fatehpur: फतेहपुर में योगी ने सपा पर साधा निशाना ! युवाओं को दिए जाते थे तमंचे BJP दे रही है टैबलेट्स
Noida Crime News: रेप के आरोप में पूछताछ के लिए बुलाए गए युवक ने कस्टडी में संदिग्ध परिस्थितियों में लगाई फांसी ! लापरवाही बरतने पर पूरी चौकी सस्पेंड

Follow Us