Who is Jyotirao Phule: एक ऐसा महात्मा जिसने महिलाओं वंचितों और किसानों के लिए अपना जीवन खपा दिया

समाज में महिलाओं के लिए शिक्षा (Womens Education) की अलख जगाने व अन्य क्षेत्र में शुद्र समाज के उत्थान को लेकर अपना पूरा जीवन खपाने (Spend One's Life) वाले समाज सुधारक (Social reformer), लेखक, दार्शनिक ज्योतिराव गोविंदराव फुले (Jyotirao govindrav Phule) को कौन नहीं जानता, खुद बाबा साहब बुद्ध और कबीर के बाद उनको अपना तीसरा गुरु मानते थे. समाज हित के कार्यों को लेकर इन्हें महात्मा (Mahatma) की भी उपाधि दी गयी, जिसके बाद इन्हें महात्मा फुले (Mahatma Phuule) भी कहा जाने लगा. 11 अप्रैल को उनकी 197 वीं जयंती मनाई जाएगी.

Who is Jyotirao Phule: एक ऐसा महात्मा जिसने महिलाओं वंचितों और किसानों के लिए अपना जीवन खपा दिया
महात्मा ज्योतिराव फुले, image credit original source

जानिए ज्योतिबा फुले के बारे में

अपने जीवन काल में स्त्रियों को आधुनिक शिक्षा देने वाले और किसानों के हित के लिए कार्य करने वाले शोषित वर्ग के उत्थान के लिए कार्य करने वाले ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule) कौन हैं, इन्हें महात्मा की उपाधि कैसे मिली यह सब आपको इस आर्टिकल के जरिये बताएंगे. हमारे देश में बहुत से ऐसे महापुरुष रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन काल में समाज से जुड़े वंचित लोगों को बढ़ाने का प्रयास किया. उनमें से एक प्रसिद्ध समाज सुधारक और लेखक ज्योतिराव फुले भी (Jyotirav Fule) थे.

जिन्होंने हमेशा समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव को लेकर खिलाफ में रहे. महात्मा फुले के कई उद्देश्य थे जिसमें से एक स्त्रियों को शिक्षा (Womens Education) का अधिकार प्रदान करना था. वहीं उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया इसके साथ वे विधवा विवाह का समर्थन करते रहे. फुले का समाज में फैली कुप्रथाओं (Bad Practices) को हटाकर समाज को व्यवस्थित करना ही उनका मकसद रहा है. 11 अप्रैल 2024 को उनकी 197 वीं जयंती मनाई जाएगी.

कौन थे महात्मा फुले?

ज्योतिबा फुले (Jyotiba phule) का जन्म 11 अप्रैल 1827 में पुणे (Pune) में हुआ था. कई पीढ़ी पहले सतारा (satara) जिले से पुणे आकर यहां बस गयी यहाँ यह लोग फूलों (Flowers) व गजरे का कार्य करने लगे. माली (Mali) का कार्य करते-करते इन लोगों को फुले कहा जाने लगा.

ज्योतिबा फुले जब एक साल के थे तभी उनकी माता का साथ छूट गया. इनकी परवरिश लालन-पालन एक बाई ने की. ज्योतिबा फुले ने शुरुआती शिक्षा मराठी में अध्ययन किया, बीच मे पढ़ाई छुटी जब वे 21 साल के हुए तब उन्होंने अंग्रेजी की 7वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की. शुरुआत से ही फुले जी समाज को एक नई दिशा और महिला वंचित कार्यों को आगे बढाते रहे.

Read More: Eid-Ul-Fitr Ka Matlab Kya Hai: ईद क्यों मनाई जाती है? त्याग और समर्पण से क्यों जोड़ा जाता है

statue_of_jyotirao_savitribai_phule
ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा, image credit original source
सावित्री बाई फुले से हुआ था विवाह

ज्योतिबा फुले का विवाह सावित्री बाई फुले से 1840 में हुआ, दोनों ने मिलकर दलित वर्ग और महिलाओ की शिक्षा को लेकर बढ़चढ़कर कार्य किया. वर्ष 1848 में पहला स्कूल भी लड़कियों व स्त्रियों के लिए खोला. पढ़ाने के लिए महिला टीचर नहीं मिल रहे थे.

Read More: CUET PG 2024 RESULT: सीयूईटी पीजी का परिणाम जारी ! ऑफिशियल वेबसाइट पर देखें अपना स्कोरकॉर्ड

तब उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को तैयार किया और बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी. जहां सावित्रीबाई ने शिक्षिका बनकर इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और स्कूल का संचालन किया. हालांकि उच्च वर्ग के लोगों को फुले दम्पति का ये कार्य पसन्द नहीं आया जिसपर उनके पिता से कहकर रोक लगवा दी. पिता ने दोनों को घर से निकाल दिया था बाद में फिर दूसरी जगह दोनों ने स्कूल का संचालन किया था.

Read More: Upsc Topper Donuru Ananya Reddy Success story: यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक 3 हासिल करने वाली डोनुरू अनन्या रेड्डी की सफलता की कहानी ! क्रिकेटर विराट कोहली से है प्रभावित

किसानों का सोचा उद्धार

महात्मा ज्योतिबा फुले एक किसान भी थे हमेशा किसानों का उद्घार करने के लिए सक्रिय रहते थे जिसके लिए उन्होंने अनेकों कार्य किए यही नहीं उन्होंने पानी बचाने का संदेश भी दिया. फुले ने 'किसान का कोड़ा' नामक पुस्तक लिखी थी. जिसमें ब्राह्मणों की नीयत को दर्शाया गया था. हर बार किसान उपेक्षित किये जाते रहे. सँस्कृत स्कूलों में शुद्र किसानो के बच्चों को भर्ती नहीं करते थे. ब्रिटिश अधिकारी भी किसानों की बदहाली के हालात को नहीं समझते थे. अकेले दम पर फुले किसानों का उद्धार कराने के निरन्तर प्रयास करते रहे.

सत्यशोधक समाज की स्थापना, मिली महात्मा की उपाधि

ज्योतिबा फुले ने दलित और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी. इस समाज की स्थापना वर्ष 1873 में की गई थी सत्यशोधक समाज का उद्देश्य था. शुद्र जाति से सम्बन्धित लोगों को समाज में आगे बढ़ाना इसके साथ ही स्त्रियों को शिक्षा प्रदान करना, बाल विवाह जैसी कुप्रथा का विरोध करना और विधवा विवाह का समर्थन किया. प्रशासनिक क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराना देखते ही देखते फुले एक प्रसिद्ध समाज सुधारक और समाजसेवी के साथ-साथ दार्शनिक और लेखक भी बन गए उनके समाज सेवा से प्रभावित होकर वर्ष 1888 में मुम्बई की एक सभा मे उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई.

यह पुस्तकें लिखीं

अपने जीवन काल में उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं जिसमें गुलामगिरी, तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, राजा भोसला का पखड़ा, किसान का कोड़ा, अछूतों की कैफियत शामिल हैं. यही नहीं महात्मा फुले व उनके संगठन के संघर्ष के कारण सरकार ने ‘एग्रीकल्चर एक्ट’ पास किया. ज्योतिबा फुले ने ही पहली बार दलित शब्द का प्रयोग किया था.
ज्योतिबा राव फुले लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है.

खुद बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बुद्ध और कबीर के बाद उन्हें अपना तीसरा गुरु मानते थे. उनके द्वारा किए गए समाज उत्थान के सभी कार्यों को लोगों ने गंभीरता से भी लिया है. 28 नवंबर वर्ष 1890 को महात्मा फुले ने दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उनके द्वारा समाज सुधार के प्रति किए गए हर कार्यों को आज भी हमेशा याद किया जाता है.

युगान्तर प्रवाह एक निष्पक्ष पत्रकारिता का संस्थान है इसे बचाए रखने के लिए हमारा सहयोग करें। पेमेंट करने के लिए वेबसाइट में दी गई यूपीआई आईडी को कॉपी करें।

Latest News

Fatehpur LokSabha Voting Live: फतेहपुर में जारी है मतदान ! इस बूथ के EVM में नहीं आ रही थी बीप की आवाज़, सपा नेता ने की शिकायत Fatehpur LokSabha Voting Live: फतेहपुर में जारी है मतदान ! इस बूथ के EVM में नहीं आ रही थी बीप की आवाज़, सपा नेता ने की शिकायत
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के फतेहपुर (Fatehpur) में पांचवें चरण की वोटिंग सुबह 7 बजे से जारी है. बिंदकी के...
Fatehpur News: फतेहपुर में लोकसभा चुनाव ड्यूटी में लगे होमगार्ड की मौत! पोलिंग पार्टी स्थल पर लगा था जवान
Ghaziabad Crime In Hindi: रिश्ते हुए तार-तार ! 13 वर्षीय बहन के साथ दो भाई करते रहे गैंगरेप, गर्भवती होने के बाद हुआ खुलासा
Agra News: जूता व्यापारी की अपार संपत्ति देख अधिकारी भी हैरान ! इनकम टैक्स की कई ठिकानों पर रेड, 40 करोड़ रुपयों की हो चुकी है बरामदगी
Virat Kohli On Impact Player Rule: इम्पेक्ट प्लेयर के इस रूल पर रोहित के बाद क्या बोले विराट कोहली ! क्या कहा ऐसा..
Fatehpur Murder News: फतेहपुर में एक बुजुर्ग सहित दो महिलाओं की मौत से सनसनी ! पुलिस जांच में जुटी
Fatehpur Loksabha Election 2024: फतेहपुर में पांचवें चरण के लिए बंद हुआ प्रचार ! 20 मई को वोटिंग, दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

Follow Us